देश की अर्थव्यवस्था आने वाले वित्त वर्ष में सकारात्मक रहने की संभावना है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान देश की जीडीपी 10.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है।
शुक्रवार को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति की घोषणा करते हुये कहा कि रिजर्व बैंक ने मुख्य पॉलिसी दरों में किसी तरह का बदलाव नहीं किया है, रेपो रेट की दर को 4 प्रतिशत पर स्थिर रखा गया है।
उन्होंने बताया कि मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी रेट और बैंक रेट को 4.25 प्रतिशत पर यथावत रखा गया है। इसी तरह रिवर्स रेपो रेट 3.35 प्रतिशत पर यथावत रखा गया है। वहीं वित्त वर्ष 2020-21 की चौथी तिमाही में खुदरा महंगाई दर के अनुमान को संशोधित कर 5.2 प्रतिशत कर दिया गया है।
शक्तिकांत दास ने कहा कि वित्त वर्ष 2021-22 में खुदरा महंगाई दर से जुड़े पूर्व के 5.8 प्रतिशत के अनुमान को संशोधित कर 5.2-5 प्रतिशत किया गया है। उन्होंने वित्त वर्ष 2021-22 को देश की अर्थव्यवस्था के लिए बेहतर वित्त वर्ष बताया है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में अर्थव्यवस्था को जो नुकसान पहुंचा है, उसकी पूरी भरपायी वित्त वर्ष 2021-22 में हो जाएगी।
उन्होंने बताया कि आने वाले समय में देश की अर्थव्यवस्था सिर्फ एक दिशा में जाएगी और वह दिशा अपवर्ड है। वहीं उन्होंने बताया कि मुद्रास्फीति 4 प्रतिशत के संतोषजनक दायरे में आ गयी है। मुद्रास्फीति की दर का संतोषजनक दायरे में आना भी अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक रुझान है।
आरबीआई गवर्नर ने बताया कि सब्जियों के दाम निकट भविष्य में नरम रहने की उम्मीद, 2020-21 की चौथी तिमाही में मुद्रास्फीति संशोधित किया गया है, इसके 5.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि सरकार आरबीआई के लिये मुद्रास्फीति के लक्ष्य की समीक्षा मार्च 2021 तक करेगी, मुद्रास्फीति के लक्ष्य की व्यवस्था ने अच्छा काम किया है।