असम के दौरे पर पहुंचे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज ने असोम माला का शुभारंभ किया। असोम माला से परिवहन गलियारों के साथ आर्थिक विकास केंद्रों को भी आपस में जोडऩे का काम करेगा और इससे अंतर-राज्य कनेक्टिविटी में सुधार होगा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस अवसर पर कहा कि पिछले महीने मैं असम में आकर गरीब, पीड़ित, शोषित लोगों को जमीन के पट्टों के वितरण कार्यक्रम का हिस्सा बनने का मुझे सौभाग्य मिला था। तब मैंने कहा था कि असम के लोगों का स्नेह और आपका प्रेम इतना गहरा है कि वो मुझे बार-बार असम ले आता है।
उन्होंने कहा कि हिंसा, अभाव, तनाव व संघर्ष इन सारी बातों को पीछे छोड़ कर अब पूरा नॉर्थ ईस्ट विकास की राह पर आगे बढ़ रहा है और असम इसमें प्रमुख भूमिका निभा रहा है।
पीएम मोदी ने कहा कि एकजुट प्रयासों और संकल्पों से कैसे परिणाम आते हैं, असम इसका बड़ा उदाहरण है। पहले असम में केवल 6 मेडिकल कॉलेज होते थे, लेकिन इन 5 सालों में ही असम में 6 और मेडिकल कॉलेज बनाने का काम शुरू किया जा चुका है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मेरे देश के गरीब के घर में टैलेंट की कमी नहीं होती है। बस उन्हें अवसर नहीं मिलता। मेरा एक सपना है कि हर राज्य में कम से कम एक मेडिकल कॉलेज, कम से कम एक टेक्निकल कॉलेज मातृभाषा में पढ़ाना शुरू करे।
उन्होंने कहा कि हम असम में एक मेडिकल कॉलेज और एक टेक्निकल कॉलेज स्थानीय भाषा में शुरू करेंगे। धीरे-धीरे इसमें वृद्धि की जाएगी। आज गुवाहाटी में एम्स का काम भी तेजी से आगे बढ़ रहा है। एम्स गुवाहाटी पूरे पूर्वोत्तर के जीवन में बड़ा परिवर्तन आने वाला है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज केंद्र सरकार द्वारा असम के विकास के लिए पूरी निष्ठा के साथ काम किया जा रहा है। असम भी देश के साथ कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ रहा है।
उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत योजना हो, जन औषधि केंद्र हो, प्रधानमंत्री नेशनल डायलिसिस प्रोग्राम या हेल्थ एंड वेलनेस केंद्र हो, सामान्य मानवी के जीवन में जो बदलाव आज पूरा देश देख रहा है वही बदलाव, वही सुधार असम में भी दिख रहे हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि आज असम में आयुष्मान भारत योजना का लाभ करीब सवा करोड़ गरीबों को मिल रहा है, मुझे बताया गया है कि असम के 350 से ज्यादा अस्पताल इस योजना से जुड़ चुके हैं।
उन्होंने कहा कि असम के 1.5 लाख गरीब आयुष्मान भारत योजना के तहत अपना मुफ्त इलाज करवा चुके हैं। इससे असम के गरीबों के सैकड़ों करोड़ों रुपये इलाज पर खर्च होने से बचे हैं। इसके साथ ही लोगों को असम सरकार के अटल अमृत अभियान से भी फायदा हो रहा है।