भारत ने सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस का आज अरब सागर में भारतीय नौसेना के स्वदेशी तरीके से निर्मित स्टील्थ डेस्ट्रॉयर, आईएनएस चेन्नई से एक लक्ष्य को भेदते हुए सफलतापूर्वक परीक्षण किया।
मिसाइल ने उच्च-स्तरीय एवं अत्यधिक जटिल युक्तियों का प्रदर्शन करने के बाद सुनिदेशित सटीकता के साथ सफलतापूर्वक लक्ष्य को भेदा।
एक प्रमुख मारक अस्त्र के रूप मे ब्रह्मोस मे लंबी दूरी पर स्थित नौसेना के सतह के लक्ष्यों को पूरा करने के द्वारा युद्धपोत की अजेयता सुनिश्चित करेगा और इस प्रकार डेस्ट्रॉयर को भारतीय नौसेना का एक और घातक प्लेटफार्म बना देगा।
उच्च बहुमुखी ब्रह्मोस को भारत और रूस द्वारा संयुक्त रूप से डिजाइन, विकास एवं निर्मित किया गया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस सफल प्रक्षेपण के लिए डीआरडीओ, ब्रह्मोस और भारतीय नौसेना को बधाई दी।
डीडीआरएंडडी के सचिव तथा डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ जी सतीश रेड्डी ने इस बड़ी उपलब्धि के लिए वैज्ञानिकों तथा डीआरडीओ, ब्रह्मोस भारतीय नौसेना एवं उद्योग के सभी कार्मिकों को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि ब्रह्मोस मिसाइलें कई प्रकार से भारतीय सशस्त्र बलों की क्षमताओं में वृद्धि करेंगी।