ग्रैंड चैलेंजेस की वार्षिक बैठक को संबोधित करते हुए अपने उद्घाटन भाषण में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि कोविड संक्रमण का टीका विकसित करने के मामले में हम अग्रिम मोर्चे पर हैं और इनमें से कुछ तो एडवांस स्टेज पर हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश के अनुभव और प्रतिभा शोध के लिहाज से भारत वैश्विक स्वास्थ्य सेवाओं के केंद्र में होगा और चाहेगा कि वह दूसरे देशों की मदद करे। उन्होंने याद दिलाया कि वैश्विक टीकाकरण कार्यक्रमों में इस्तेमाल होने वाले टीकों का 60 प्रतिशत उत्पादन भारत में होता है।
उन्होंने कहा कि डिजिटल हेल्थ आईडी का इस्तेमाल टीकाकरण सुनिश्चित करने के लिए किया जाएगा। गौरतलब है कि दो महीने पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को लाल किले की प्राचीर से ऐलान किया था कि देश के हर नागरिक को नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन के तहत हेल्थ कार्ड जारी किया जाएगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत पहले से ही एक वेल इस्टैबलिस्ड वैक्सीन डिलिवरी सिस्टम पर काम कर रहा है और डिजिटल हेल्थ आईडी के साथ इस डिजिटल नेटवर्क का उपयोग हमारे नागरिकों के टीकाकरण को सुनिश्चित करने के लिए किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि भारत के आकार और विविधता ने हमेशा वैश्विक समुदाय को उत्सुक किया है। हमारा देश संयुक्त राज्य अमेरिका की जनसंख्या के आकार का लगभग चार गुना है। हमारे कई राज्य यूरोपीय देशों के बराबर हैं। भारत में कोविड-19 मृत्यु दर बहुत कम है। आज, हम प्रति दिन मामलों की संख्या और मामलों की वृद्धि दर में गिरावट देख रहे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज भारत में कोरोना संक्रमण के मामलों में कमी आई है और इससे ठीक होने की दर 88 प्रतिशत तक पहुंच गई है। उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए संभव हो सका क्योंकि भारत ने सबसे पहले लॉकडाउन लगाया और लोगों को मास्क पहनने के लिए प्रेरित किया।