नई दिल्ली (हि.स.)। भारतीय नौसेना की सुरक्षा पर 7वीं वार्षिक सुरक्षा समीक्षा बैठक में नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी ने कर्मियों को सुरक्षित तरीके से सोचने और कार्य करने के लिए शिक्षित और प्रशिक्षित करने के लिए विभिन्न यूनिटों को प्रोत्साहित करके एक मजबूत सुरक्षा संस्कृति बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया। दक्षिणी नौसेना कमान, कोच्चि में हुई बैठक में नौसेना मुख्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों और सभी कमान मुख्यालयों, क्षेत्र मुख्यालयों और सुरक्षा वर्ग अधिकारियों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
नौसेना प्रमुख ने वर्चुअल तरीके से मुख्य भाषण दिया और वार्षिक सुरक्षा रिपोर्ट की समीक्षा की। उन्होंने इस ‘सुरक्षा, संरक्षा और मानसिक स्वास्थ्य और कल्याण को बढ़ावा देने के वर्ष’ में वरिष्ठ नेतृत्व से हर स्तर पर सुरक्षा कार्यक्रमों की प्रभावशीलता की जांच करने और भारतीय नौसेना के सुरक्षा परिदृश्य को मजबूत करने का आग्रह किया। नौसेना वाइस चीफ वाइस एडमिरल के. स्वामीनाथन ने वार्षिक सुरक्षा समीक्षा की आगे की कार्यवाही की अध्यक्षता की, जो भारतीय नौसेना सुरक्षा समिति के अध्यक्ष भी हैं। समीक्षा के दौरान अंडमान और निकोबार कमान सहित तीनों नौसेना कमानों ने सुरक्षा से जुड़ी पहलों और चुनौतियों पर संक्षिप्त जानकारी दी।
समीक्षा के दौरान सुरक्षा से संबंधित एजेंडा के कई बिंदुओं पर विचार-विमर्श किया गया। बैठक में शामिल अधिकारियों ने परमाणु सुरक्षा और विमानन सुरक्षा डोमेन के विषय विशेषज्ञों के साथ बातचीत की, ताकि सर्वोत्तम सुरक्षा प्रणालियों को समझा जा सके। कोच्चि के नौसेना बेस में एक सुरक्षा प्रदर्शनी भी लगाई गई, जिसमें आठ फर्मों ने अपने अत्याधुनिक सुरक्षा गियर और व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण प्रदर्शित किए। स्टॉल को प्रतिभागियों से जबरदस्त सराहना मिली।
भारतीय नौसेना हर साल शीर्ष स्तर पर सुरक्षा समीक्षा करती है, जिसका उद्देश्य परिचालन और कार्यात्मक सुरक्षा से संबंधित सभी पहलुओं का जायजा लेना, दुर्घटनाओं के मामलों को कम करने के लिए उठाए जाने वाले कदमों की पहचान करना और उन्हें संस्थागत स्वरूप प्रदान करना और सुरक्षा संस्कृति को मजबूत करने के लिए एक संगठनात्मक ढांचा प्रदान करना है।