भारतीय रेलवे ने 1 अप्रैल, 2023 से 31 अगस्त, 2023 के दौरान माल ढुलाई के मामले में 634.66 मीट्रिक टन का लक्ष्य प्राप्त किया है, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि में यह 620.88 मीट्रिक टन था और प्राप्त राजस्व लगभग 1 लाख करोड़ रुपये है, जिसमें माल ढुलाई खंड का राजस्व, यात्री खंड का राजस्व और अन्य विभिन्न राजस्व शामिल हैं।
इसी अवधि में लौह अयस्क की ढुलाई 70.84 मीट्रिक टन की गई है जो पिछले वर्ष की इसी अवधि में 61.30 मीट्रिक टन से 15.56 प्रतिशत अधिक रही है। पिग आयरन और फिनिश्ड स्टील की माल ढुलाई पिछले वर्ष की इसी अवधि में 26.16 मीट्रिक टन की तुलना में 28.42 मीट्रिक टन हुई है। इसमें 8.63 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।
वहीं उर्वरक की माल ढुलाई पिछले वर्ष की इसी अवधि में की गई 22.25 मीट्रिक टन माल ढुलाई से 24.13 मीट्रिक टन अधिक है, जो 8.45 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। सीमेंट की माल ढुलाई पिछले वर्ष की इसी अवधि में की गई 59.44 मीट्रिक टन माल ढुलाई से 63.29 मीट्रिक टन अधिक है, जो 6.48 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाती है। कंटेनर सेवाओं की लदान पिछले वर्ष की इसी अवधि में की गई 32.60 मीट्रिक टन लदान से 34.31 मीट्रिक टन अधिक है, जो 5.22 प्रतिशत की वृद्धि प्रदर्शित करती है।
इसके अलावा पीओएल की माल ढुलाई पिछले वर्ष की इसी अवधि में की गई 19.91 मीट्रिक टन की तुलना में 20.59 मीट्रिक टन अधिक है, जो 3.41 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। इसी अवधि के दौरान कोयले की माल ढुलाई पिछले वर्ष की इसी अवधि में की गई 305.39 मीट्रिक टन माल ढुलाई से 311.53 मीट्रिक टन अधिक है।
उपरोक्त के अलावा, रेल द्वारा ऑटोमोबाइल परिवहन में 26 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है जबकि ऑटोमोबाइल से आय में 24.5 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है। वर्ष 2023 के अगस्त के महीने में, भारतीय रेलवे ने वर्ष 2022 के अगस्त महीने में 119.33 मीट्रिक टन के मुकाबले 126.95 मीट्रिक टन अधिक माल ढुलाई की है, जो 6.38 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।
भारतीय रेलवे ने अगस्त 2023 तक इस वित्तीय वर्ष के पहले पांच महीनों में 48 प्रतिशत का पूंजीगत व्यय उपयोग (अब तक का उच्चतम) लगभग देखा है। भारतीय रेलवे ने अगस्त 2023 तक 1,15,000 करोड़ रुपये का व्यय किया है। यह निवेश न्यू लाइन्स, दोहरीकरण, आमान परिवर्तन और यात्री सुविधाओं में वृद्धि जैसी विभिन्न बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में देखा गया है। रेलवे में यात्रियों की सुरक्षा सर्वोपरि है। सुरक्षा संबंधी कार्यों को बढ़ाने में महत्वपूर्ण राशि का निवेश किया गया है। कैपेक्स उपयोगिता पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में लगभग 54 प्रतिशत है।