प्रयागराज (हि.स.)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपर प्राइमरी स्कूलों में हेडमास्टर की ड्यूटी कर रहे सीनियर टीचरों को हेडमास्टर पद का वेतन एरियर समेत भुगतान करने का निर्देश दिया है।
इन टीचरों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि वे अपर प्राइमरी स्कूलों में बतौर सीनियर टीचर कई वर्षों से कार्यरत हैं। सीनियर टीचर होने के नाते उनसे हेडमास्टर की ड्यूटी ली जा रही है। परन्तु उन्हें हेड मास्टर की सैलरी नहीं दिया जा रहा है।
यह आदेश जस्टिस पीयूष अग्रवाल ने त्रिपुरारी दुबे वह अन्य टीचरों की तरफ से दाखिल याचिका को मंजूर करते हुए दिया है। मामले के अनुसार याची व अन्य टीचरों की नियुक्ति सहायक अध्यापक के रूप में हुई थी। बाद में वे अपर प्राइमरी स्कूल में बतौर सीनियर टीचर काम कर रहे हैं। इन टीचरों का कहना है कि स्कूल में हेड मास्टर की नियुक्ति न होने के कारण उनसे हेडमास्टर का काम तो लिया जा रहा है परंतु वेतन टीचर का ही दिया जा रहा है। याचिका में कहा गया था वे बतौर हेड मास्टर 31 मई 2014 से काम कर रहे हैं।
प्रदेश सरकार की तरफ से याचिका का विरोध किया गया और कहा गया कि हेडमास्टर का पद उन्हीं को दिया जा सकता है, जिनका हेड मास्टर के पद पर नियमित चयन हुआ हो। क्योंकि याचीगण का हेड मास्टर के पद पर नियमित चयन नहीं हुआ है, इस कारण उन्हें हेडमास्टर पद का वेतन नहीं दिया जा सकता है। भले ही उनसे हेडमास्टर पद का काम लिया जा रहा है।
कोर्ट ने सरकार की दलीलों को इंकार करते हुए सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस सम्बंध में प्रतिपादित डॉ जयप्रकाश नारायण सिंह तथा अरिंदम चट्टोपाध्याय व अन्य बनाम वेस्ट बंगाल सरकार केस का हवाला देते हुए याचिका को मंजूर करते हुए हेड मास्टर पद पर काम कर रहे याची टीचरों को हेड मास्टर पद पर कार्य करने की तिथि 31 मई 2014 से एरियर समेत भुगतान करने का निर्देश दिया है।