गोरखपुर (हि.स.)। पाकिस्तान खुफिया एजेंसी आईएसआई को भारतीय नौसेना की तस्वीरें और सूचनाएं साझा करने वाले आईएसआई एजेंट राम सिंह से पूछताछ में कई अहम खुलासे हुए हैं। जासूसी में पाकिस्तान से मिलने वाले रकम से वह यहां पर अपना मकान बनवा रहा था।
एटीएस के आईजी निलाब्जा चौधरी ने बताया कि अब तक की पूछताछ में उसने कई ऐसे चौकाने वाले खुलासे किए हैं, जिसे सुनकर अफसरों के भी होश उड़ गए। गोरखपुर के पिपराइच निवासी राम सिंह गोवा शिपयार्ड नेवल बेस में पार्ट टाइम वर्कर के तौर पर भारतीय नौसेना के लड़ाकू जहाजों में इनसुलेशन लगाने का काम करता था। वह अपने मां-बाप का इकलौता बेटा है। करीब चार महीने पहले ही वह गोवा से अपने गांव आया था, तब से गांव पर ही रह रहा था। गुरुवार को तमाम साक्ष्यों के आधार पर एटीएस ने उसे हिरासत में लेकर पूछताछ के लिए लखनऊ लायी थी। उसके पास से एक मोबाइल, आधार कार्ड, पैनकार्ड, वोटर आईडी कार्ड, डेबिट कार्ड और ग्रीन रेमिट कार्ड समेत कुछ कैश रुपये बरामद हुए थे।
पूछताछ में पता चला कि राम सिंह करीब तीन साल पहले फेसबुक के जरिए तथाकथित पाकिस्तानी महिला जासूस कीर्ति कुमारी (फर्जी नाम) से संपर्क में आ गया। दोनों में बातचीत शुरू हुई और फिर यह दोस्ती फेसबुक से व्हाट्सअप तक पहुंच गई। चूकि राम सिंह शिपयार्ड नेवल बेस में पार्ट टाइम वर्कर था तो यहां लड़ाकू जहाज जैसे आईएनएस विक्रमादित्य, एआईएनएस विक्रांत आदि आते थे। उसने बातों-बातों में इन जहाजों की तस्वीरें मांगना शुरू कर दिया। इसके बदले में पाकिस्तानी महिला जासूस ने राम सिंह के बैंक खाते में काफी रुपये भी जमा कराए थे। उन रुपयों को वह भारतीय नौसेना के कर्मचारियों और शिपयार्डों में काम करने वाले प्राइवेट कर्मचारियों को देता था, जिनसे फोटो और जानकारी हासिल होती थी। वहीं, एजेंटों के बैंक खातों में ट्रांसफर करता था।
एटीएस आईजी ने बताया कि आरोपी से पूछताछ में मिली जानकारी के आधार पर एटीएस और अन्य जांच एजेंसी पूरे नेटवर्क को खंगाल रही है। आशंका है कि पाकिस्तानी महिला ने मर्चेंट नेवी के सिर्फ एक नहीं कई कर्मचारियों को अपनी जाल में फंसाया है। वह अन्य कर्मचारियों को भी रुपयों का लालच देकर जासूसी कराती होगी। जल्द ही इस नेटवर्क से जुड़े कुछ और बड़े खुलासे हो सकते हैं।