रफाह (हि.स.)। दक्षिणी गाजा पर हमले की आशंका इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के सेना को रफाह से जनता को हटाने के निर्देश के बाद तेज हो गई है। अबतक इजराइली हमले में 27,947 फलस्तीनी मारे जा चुके हैं। इजराइल के अनुसार रफाह हमास का आखिरी गढ़ है और उसे इस्लामिक आतंकवादी समूह के खिलाफ अपनी युद्ध योजना को पूरा करने के लिए सेना भेजने की जरूरत है। अनुमान है कि गाजा व अन्यत्र स्थानों पर हुए हमले के बाद 15 लाख से अधिक फलस्तीनी लोग भागकर रफाह आ गए।
नेतन्याहू ने कहा कि रफाह में एक बड़े पैमाने पर ऑपरेशन की जरूरत है। उन्होंने सुरक्षा अधिकारियों से दोहरी योजना पेश करने के लिए कहा है, जिसमें नागरिकों की निकासी और हमास की बची आतंकी इकाइयों को ध्वस्त करने के लिए सैन्य अभियान शामिल होगा। इससे पहले, शुक्रवार को इजरायल ने रफाह में कई ठिकानों पर बमबारी की थी। यह हमला बाइडन प्रशासन के अधिकारियों और सहायता एजेंसियों द्वारा इजरायल को गाजा में हमले का विस्तार के खिलाफ चेतावनी देने के कुछ घंटे बाद हुआ। हवाई हमलों में रफाह में दो आवासीय इमारतों को निशाना बनाया गया, जबकि मध्य गाजा में दो अन्य स्थलों पर बमबारी की गई। इसमें 22 लोग मारे गए।
नेतन्याहू के इस आदेश के बाद मिस्र को भी चिंतित कर दिया है। उसने कहा है कि रफाह में कोई भी जमीनी कार्रवाई या बड़े पैमाने पर सीमा पार विस्थापन इजरायल के साथ उसकी 40 साल पुरानी शांति संधि को कमजोर कर देगा।
वहीं, इजराइली सेना ने कहा है कि बंदरगाह शहर हाइफा के पास एक संदिग्ध हवाई लक्ष्य को रोक दिया गया है। हाइफा और अशदोद के बंदरगाह इजराइल के व्यापार के लिए महत्वपूर्ण प्रवेश द्वार हैं। सैन्य प्रवक्ता ने कहा कि कोई क्षति नहीं पहुंची है। इस बीच इजरायल के रक्षा मंत्री योव गैलेंट ने चेक समकक्ष से मुलाकात की।