अजमेर (हि.स)। एक वर्ष पूर्व आज ही के दिन यानी 7 अक्टूबर 2023 को आतंकी संगठन हमास द्वारा इजराइल पर किए गए आतंकी हमले में मारे गए इजराइलियों की आत्मा की शांति के लिए उनके परिजनों और मित्रों के 23 सदस्यीय पर्यटकों ने शनिवार को पुष्कर सरोवर का पूजन व तर्पण कर प्रार्थना की। इस मौके पर विदेशी पर्यटकों की ओर से सरोवर की महाआरती का भी आयोजन किया गया।
टूरिस्ट गाइड व तीर्थ पुरोहित गोपाल पाराशर ने बताया कि पिछले वर्ष होली पर्व मनाने के लिए 12 इजराइली पर्यटक पुष्कर आए थे। ये सभी कुछ दिनों के बाद अपने स्वदेश लौट गए। इस दौरान 7 अक्टूबर को चार इजराइली पर्यटकों की आतंकी संगठन हमास द्वार हत्या कर दी गई थी। इन्हीं मृत पर्यटकों की आत्मा की शांति की कामना को लेकर इजरायली पर्यटकों के 23 सदस्यीय दल ने शनिवार को पुष्कर सरोवर के ग्वालियर घाट पर तीर्थ पुरोहित पं. कौशल मुखिया के आचार्यत्व व पंडित गोविंद पराशर के सह आचार्यत्व में पुष्कर सरोवर का पूजन व सरोवर का पवित्र जल जौ, तिल, चावल, पुष्प, कुशा आदि सामग्री को अपने हाथों में लेकर तर्पण किया।
इजराइली पर्यटक डानी एवं मरिता ने बताया कि गत वर्ष हमास द्वारा किए गए आतंकी हमले में उनके 26 वर्षीय पुत्र अलोन की हत्या कर दी गई थी। उसकी आत्मा की शांति के लिए वे पुष्कर सरोवर की पूजा व तर्पण करने आए हैं। घटना की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि उनका पुत्र अलोन लाइफ एंजॉय करने पार्टी करने गया तो वापस कभी नहीं आया। इसके अलावा इजराइली पर्यटकों ने अपने मित्र व परिचितों की आत्मशांति की कामना की। वहीं सभी पर्यटक तर्पण करते समय भावुक हो गए थे।
इस दौरान सभी इजराइली पर्यटकों ने पुरोहित द्वारा बोले गए तर्पण कर्म को संस्कृत में बोलते हुए पूजन किया। पुरोहित कौशल मुखिया ने सभी को अंग्रेजी भाषा में हिंदू संस्कृति से रूबरू कराते हुए पूजन करवाया। तर्पण कर्म के बाद सभी पर्यटक बद्री घाट पहुंचे जहां उनकी ओर से आयोजित महाआरती में भाग लेकर पुष्कर राज से खुशहाली की कामना की गई। इस मौके पर शशांक पराशर ने सरोवर की महाआरती की।
पुष्कर स्थित बेद खबाद हाउस के मैनेजर हनुमान प्रसाद बाकोलिया ने बताया कि रविवार को जयपुर में अमर ज्योति जयंती स्थल पर आयोजित शहीद दिवस कार्यक्रम में खबाद हाउस पुष्कर के धर्मगुरु सिम्सन गोल्डस्टीन ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। वहीं उनके नेतृत्व में पुष्कर से काफी संख्या में इजराइली पर्यटकों ने हाइफा युद्ध में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि दी।