प्रयागराज (हि.स.)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि जीएसटी एक्ट की धारा 129 (3) के अंतर्गत ई-वे बिल का पार्ट बी न भरने के कारण यदि टैक्स चोरी की मंशा न रही हो तो पेनाल्टी नहीं लगाई जा सकती।
कोर्ट ने इटावा की मेसर्स रोली इंटरप्राइजेज के खिलाफ पारित पेनाल्टी आदेश 10 नवम्बर 20 व इसके खिलाफ अपील खारिज करने के आदेश 10 जनवरी 22 को विधि विरुद्ध मानते हुए रद्द कर दिया है और छह हफ्ते में याची की सिक्योरिटी राशि वापस करने का निर्देश दिया है।
यह आदेश न्यायमूर्ति शेखर बी सर्राफ ने मेसर्स रोली इंटरप्राइजेज की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है। याची अधिवक्ता का कहना था कि ई-वे बिल का पार्ट बी भरने से छूट गया। याची की मंशा टैक्स चोरी की नहीं है। इनवाइस के विपरीत वाहन में माल नहीं पाया गया। ई-वे बिल न भरना टैक्स चोरी नहीं माना जा सकता। इसलिए उस पर पेनाल्टी नहीं लगाई जा सकती। अपने पक्ष में कोर्ट की नजीरें भी पेश की गई। जिस पर सहमति जताते हुए कोर्ट ने पेनाल्टी आदेश को रद्द कर दिया है।