टोक्यो (हि.स.)। भारतीय विदेशमंत्री डॉ. एस जयशंकर ने गुरुवार को टोक्यो में ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन के तत्वावधान में आयोजित रायसीना राउंडटेबल सम्मेलन को संबोधित किया। जयशंकर ने भारत-जापान के संबंधों की सराहना करते हुए कहा कि भारत दक्षिण एशियाई राष्ट्र में बदलाव की गति की सराहना करता है। यह महत्वपूर्ण है कि जापान आज भारत में बदलाव की गति की सराहना करे। भारत आज वह देश है जो हर दिन 28 किलोमीटर हाइवे बना रहा है। हर साल आठ नए हवाई अड्डे बना रहा है। यह परिवर्तन हमें और अधिक प्रभावी और विश्वसनीय साझेदार बनाता है।
उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्ष में भारत ने हर दिन दो नए कॉलेज बनाए हैं और अपने तकनीकी और चिकित्सा संस्थानों को दोगुना कर दिया है। भारत का यह परिवर्तन हमें अधिक प्रभावी और विश्वसनीय भागीदार बनाता है। फिर चाहे वह व्यापार करने में आसानी हो, बुनियादी ढांचे का विकास हो, जीवन जीने में आसानी हो, डिजिटल डिलीवरी हो, स्टार्टअप हो और नवाचार संस्कृति हो। भारत आज स्पष्ट रूप से एक बहुत अलग देश है। जापान के लोगों के लिए इसे पहचानना महत्वपूर्ण है।
विदेशमंत्री जयशंकर ने कहा कि भारत और जापान संयुक्त राष्ट्र संरचनाओं को और अधिक समकालीन बनाना चाहते हैं। यह स्पष्ट रूप से एक कठिन कार्य है, लेकिन इसमें हमें दो शक्तियों के रूप में दृढ़ रहना होगा। एस जयशंकर ने ग्लोबल साउथ में विकास सहायता के संबंध में जापानी सहयोग का भी आह्वान किया।