Friday, December 27, 2024
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लद्दाख में शीघ्र ही होगा दक्षिण पूर्व एशिया का पहला नाइट स्काई अभयारण्य

केंद्रीय मंत्री डॉ जितेन्द्र सिंह ने कहा है कि लद्दाख में शीघ्र ही दक्षिण पूर्व एशिया का पहला नाइट स्काई अभयारण्य होगा। उन्होंने बताया कि अभयारण्य की स्थापना भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान बेंगलुरु के सहयोग से की जा रही है, जो भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग से संबद्ध है। उन्होंने इस परियोजना में लद्दाख के उपराज्यपाल, ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) बीडी मिश्रा की सक्रिय सहयोग के लिए उनकी सराहना की।

केंद्रीय मंत्री ने कहा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय और वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद की ओर से, हम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से हानले में नाइट स्काई रिजर्व का उद्घाटन करने का अनुरोध करेंगे। केंद्रीय मंत्री, केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख की स्थापना की चौथी वर्षगांठ के अवसर पर यहां आयोजित प्रदर्शनी ‘लद्दाख प्राईड’ का उद्घाटन करने के बाद सभा को संबोधित कर रहे थे। इस प्रदर्शनी का आयोजन मुख्य कार्यकारी पार्षद ताशी ग्यालसन की पहल पर लद्दाख स्वायत्त पहाड़ी विकास परिषद लेह द्वारा किया जाता है।

डार्क स्काई रिजर्व पूर्वी लद्दाख के हानले गांव मे चांगथांग वन्यजीव अभयारण्य के एक हिस्से के रूप में स्थित होगा। यह भारत में खगोल-पर्यटन को बढ़ावा देगा और ऑप्टिकल, इन्फ्रा-रेड और गामा-रे दूरबीनों के लिए दुनिया के सबसे शीर्षस्थ स्थानों में से एक होगा।

1,073 वर्ग किलोमीटर में फैला, नाइट स्काई रिजर्व चांगथांग वन्यजीव अभयारण्य में स्थित है और भारतीय खगोलीय वेधशाला के निकट, भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान का दुनिया का दूसरा सबसे ऊंचा ऑप्टिकल टेलीस्कोप, 4500 मीटर की ऊंचाई पर हानले में स्थित है।

डॉ जितेन्द्र सिंह ने कहा, “ऐसे समय में जब देश चंद्रयान-3 और आदित्य-एल1 सौर मिशन की सफलता का उत्सव मना रहा है, यह डार्क स्काई रिज़र्व दुनिया में अपनी तरह के केवल 15 या 16 में से एक होने के कारण, खगोलज्ञों को आकर्षित करेगा।”

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि डार्क स्पेस रिजर्व का शुभांरभ करने के लिए केन्द्र शासित प्रदेश प्रशासन, लद्दाख स्वायत्त पहाड़ी विकास परिषद लेह और भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान के बीच एक त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। उन्होंने कहा, इस स्थान पर विज्ञान और प्रौद्योगिकी के हस्तक्षेप के माध्यम से स्थानीय पर्यटन और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में मदद करने वाली गतिविधियां होंगी।

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