झारखंड के सिमडेगा जिले में पुलिस और बिजली विभाग के बीच उस समय टकराव की स्थिति उत्पन्न हो गई, जब बिना हेलमेट बाइक चला रहे एक बिजली कर्मचारी का कोलेबिरा पुलिस ने चालान काट दिया। इसके बाद बिजली विभाग के अधिकारियों ने बिजली बिल बकाया होने की बात कहते हुए कोलेबिरा थाने का बिजली कनेक्शन काट दिया।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पुलिस और बिजली विभाग का विवाद उपायुक्त के पास पहुंचा तो उन्होंने अविलंब थाने में बिजली आपूर्ति बहाल करने के निर्देश दिए, जिसके बाद कोलेबिरा पुलिस स्टेशन में बिजली आपूर्ति बहाल कर दी गई। वहीं उपायुक्त ने इस मामले की जांच के आदेश भी दिए हैं। वहीं इस पूरे प्रकरण में कोलेबिरा बिजली कार्यालय के जेई का प्रेस नोट भी वायरल हो गया, जिसमें उन्होंने लाइनमैन के पक्ष में पुलिस की कार्यवाही को गलत बताया है।
कोलेबिरा बिजली विभाग के कनीय अभियंता (जेई) राघवेन्द्र कुमार के द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार मानव दिवस विद्युत कर्मी को बिना हेलमेट कारण 6000 रुपये का चालान थाना द्वारा काटा गया है। जिसका मासिक मानदेय 8000 रुपये ही है। उन्होने कहा कि बिजली मिस्त्री आवश्यक सेवा में बिजली लाइन बनाने में 24 घंटे सेवा देते रहते हैं, ऐसी स्थिति में विद्युत कर्मी आपात स्थिति में सेवा देने में विलम्ब अथवा आनाकानी कर सकते हैं। इसका असर आम जन को भी पड़ सकता है।
उपायुक्त को जब मामले की जानकारी मिली तो उन्होंने अविलंब थाने में बिजली आपूर्ति बहाल करने का निर्देश दिया। जिसके बाद देर रात कोलेबिरा थाने में बिजली की आपूर्ति बहाल कर दी गई। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कोलेबिरा कभी अति नक्सल प्रभावित प्रखंड में शामिल था। यह प्रखंड नक्सलियों के निशाने पर रहा है, ऐसे में थाने की बिजली काट देना बेहद खतरनाक है।