विद्युत तंत्र को चलायमान रखने वाले जिन तकनीकी कर्मचारियों की बदौलत विद्युत वितरण कंपनी बिजली उपभोक्ताओं को निर्बाध और गुणवत्तापूर्ण बिजली आपूर्ति का दावा करती है, उन जमीनी स्तर के कर्मचारियों को जरूरी संसाधन तक उपलब्ध कराने में विद्युत कंपनी की नाकामी बार-बार सामने आ रही है।
विद्युत तंत्र में आने वाली खराबी के सुधार और उपभोक्ताओं की शिकायतों के निराकरण के लिए प्रतिकूल परिस्थितियों में जोखिमपूर्ण कार्य करने वाले इन तकनीकी कर्मचारियों (लाइनमैन) को गुणवत्तापूर्ण सुरक्षा उपकरण तक नहीं मिल पा रहे हैं।
कर्मचारियों के बार-बार आग्रह के बावजूद अधिकारी आश्वासन के सिवाय कुछ नहीं देते और हर बार सुरक्षा उपकरणों की खरीदी में टालमटोल की जाती है। जिसका परिणाम ये होता है कि इन कर्मचारियों को पुराने और जर्जर सुरक्षा उपकरणों के भरोसे ही कार्य करना पड़ता है। जिसके चलते ये कर्मचारी गंभीर दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं।
जानकारी के अनुसार जबलपुर सिटी सर्किल के उत्तर संभाग के अंतर्गत माढ़ोताल विद्युत कार्यालय में कार्यरत विद्युत कर्मी सहायक लाइनमैन जैनेंद्र सिंह पटेल को मक्का नगर के उपभोक्ता की बिजली बंद होने की शिकायत पर जूनियर इंजीनियर के द्वारा सुधार कार्य के लिए भेजा गया था।
विद्युत कर्मी मक्का नगर के उपभोक्ता की बिजली चालू करने के लिए टावर गाड़ी की सीढ़ी से पोल में रस्से का झूला लगाकर कार्य कर रहा था। उसी दौरान झूले का रस्सा टूट गया, जिससे लाइनमैन टावर गाड़ी के ऊपर आ गिरा।
मौके पर मौजूद साथी कर्मियों ने तत्काल उसे निजी अस्पताल पहुंचाया, जहां उसे भर्ती कर लिया गया। इस हादसे में लाइनमैन जैनेन्द्र सिंह पटेल का दाहिना हाथ एवं पैर में फ्रैक्चर हो गया है।
साथी कर्मचारी के साथ हुई इस दुर्घटना के बाद मध्य प्रदेश विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ हरेंद्र श्रीवास्तव, जेके कोष्टा, मोहन दुबे, राजकुमार सैनी, अजय कश्यप, शशि उपाध्याय, दशरथ शर्मा, मदन पटेल, वीरेंद्र विश्वकर्मा, महेश पटेल, अमीन अंसारी, कमलेश नामदेव आदि ने पूर्व क्षेत्र कंपनी प्रबंधन से इलाज के लिए सहयोग राशि देने की मांग की है।