प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज शनिवार को भारतीय सेना के जवानों के साथ दीवाली मनाने के लिए राजस्थान के जैसलमेर बॉर्डर पर लोंगेवाला पोस्ट पहुंचे।
इस अवसर पर पीएम मोदी ने जवानों को संबोधित करते हुए कहा कि आप भले बर्फीली पहाड़ियों पर रहें या फिर रेगिस्तान में, मेरी दीवाली तो आपके बीच आकर ही पूरी होती है।
उन्होंने कहा कि आपके चेहरों की रौनक देखता हूं, आपके चेहरे की खुशिया देखता हूं, तो मुझे भी दोगुनी खुशी होती है। हिमालय की बुलंदियां हों, रेगिस्तान का विस्तार हो, घने जंगल हों या फिर समंदर की गहराई हो, हर चुनौती पर हमेशा आपकी वीरता भारी पड़ी है।
पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया की कोई भी ताकत हमारे वीर जवानों को देश की सीमा की सुरक्षा करने से रोक नहीं सकती है। आपके इसी शौर्य को नमन करते हुये आज भारत के 130 करोड़ देशवासी आपके साथ मजबूती से खड़े हैं।
उन्होंने कहा कि आज हर भारतवासी को अपने सैनिकों की ताकत और शौर्य पर गर्व है। उन्हें आपकी अजेयता पर, आपकी अपराजेयता पर गर्व है। दुनिया का इतिहास हमें ये बताता है कि केवल वही राष्ट्र सुरक्षित रहे हैं, वही राष्ट्र आगे बढ़े हैं जिनके भीतर आक्रांताओं का मुकाबला करने की क्षमता थी।
पीएम मोदी ने कहा कि आज दुनिया ये जान रही है, समझ रही है कि ये देश अपने हितों से किसी भी कीमत पर रत्ती भर भी समझौता करने वाला नहीं है। भारत का ये रुतबा, ये कद आपकी शक्ति और आपके पराक्रम के ही कारण है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आपने देश को सुरक्षित किया हुआ है इसीलिए आज भारत वैश्विक मंचों पर प्रखरता से अपनी बात रखता है। आज पूरा विश्व विस्तारवादी ताकतों से परेशान हैं। विस्तारवाद, एक तरह से मानसिक विकृति है और अठ्ठारहवीं शताब्दी की सोच को दर्शाती है। इस सोच के खिलाफ भी भारत प्रखर आवाज बन रहा है।
पीएम मोदी ने कहा कि आज भारत की रणनीति साफ है, स्पष्ट है। आज का भारत समझने और समझाने की नीति पर विश्वास करता है लेकिन अगर हमें आज़माने की कोशिश होती है तो, जवाब भी उतना ही प्रचंड मिलता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने सेना के जवानों से कहा कि सीमा पर रहकर आप जो त्याग करते हैं, तपस्या करते हैं, वो देश में एक विश्वास पैदा करता है।
ये विश्वास होता है कि मिलकर बड़ी से बड़ी चुनौती का मुकाबला किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि आपसे मिली इसी प्रेरणा से देश महामारी के इस कठिन समय में अपने हर नागरिक के जीवन की रक्षा में जुटा हुआ है। इतने महीनों से देश अपने 80 करोड़ नागरिकों के भोजन की व्यवस्था कर रहा है। लेकिन इसके साथ ही देश, अर्थव्यवस्था को वापस गति देने का भी पूरे हौसले से प्रयास कर रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जब मैं 2014 में दीवाली पर सियाचिन गया था, तो कुछ लोग चौंक गए थे। दीवाली पर अपनों के बीच ही तो आऊंगा, अपनों से दूर कहां रहूंगा! आप बर्फीली पहाड़ियों पर रहें या रेगिस्तान में, मेरी दीवाली तो आपके बीच आकर ही पूरी होती है। मैं अपने साथ आपके प्रति देश का प्रेम, स्नेह भी लाता हूं।
पीएम मोदी ने कहा कि जब भी सैन्य कुशलता के इतिहास के बारे में लिखा-पढ़ा जाएगा, तो बैटल ऑफ लोंगेवाला को जरूर याद किया जाएगा। यहां की पोस्ट पर आपके साथियों ने शौर्य की एक ऐसी गाथा लिख दी है, जो आज भी हर भारतीय के दिल को जोश से भर देती है।