लखनऊ नगर निगम की ओर से जारी किये गए 200 करोड़ रुपये मूल्य वाले नगर पालिका बांड को आज बीएसई में सूचीबद्ध किया गया। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुंबई में एनएसई के बेल समारोह में हिस्सा लिया।
इसके साथ ही लखनऊ देश में नगर पालिका बॉन्ड्स जारी करने वाला 9वां शहर बन गया है। इसे भारत सरकार के आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय ने अमृत मिशन के तहत प्रोत्साहन दिया है। इन बांड के जारी होने से लखनऊ नगर निगम को अपने ब्याज भार में सब्सिडी देने के लिए 26 करोड़ रुपये की राशि प्राप्त होगी। यह अग्रिम प्रोत्साहन राशि नगर निगम पर ब्याज के बोझ को 2 प्रतिशत तक कम करने के समान है।
यह वित्तीय और निगम सुशासन में सुधार लाने, शहर को और अधिक आत्मनिर्भर बनाने-नागरिक आधारभूत सुविधा ढांचे को विकसित करने में मददगार साबित होगा और आत्मनिर्भर भारत के हिस्से के रूप में आत्मनिर्भर शहर बनाने की दिशा में एक प्रयत्न है।
लखनऊ नगर पालिका बांड के 100 करोड़ रुपये के इश्यू ने काफी मात्रा में निवेशकों को आकर्षित किया और 450 करोड़ रुपये की कुल निविदाएं प्राप्त हुईं। यह 8.5 प्रतिशत की आकर्षित कूपन दर पर बंद हुआ था और इसकी अवधि 10 वर्ष की है।
लखनऊ नगर निगम के बांड इश्यू को इंडिया रेटिंग्स ने ‘एए’ और ब्रिकवर्क रेटिंग्स ने ‘एए (सीई)’ का दर्जा दिया है। इस इश्यू में निवेशित धनराशि को भारत सरकार की अमृत योजना के तहत क्रियान्वित की जा रही जल आपूर्ति परियोजना और एक आवास परियोजना में निवेश किये जाने का प्रस्ताव है।
लखनऊ नगरपालिका बांड की अवधि 10 वर्ष है और इसे ए से जी के साथ 7 एसटीआरआरपी के एक स्ट्रिप बांड के रूप में संरचित किया गया है और 4 वर्ष से लेकर 10 वर्ष की अवधि में 7 बराबर वार्षिक अदायगी में इसका पुन: भुगतान किया जाएगा।