सुप्रसिद्ध अभिनेत्री, माधुरी दीक्षित को सम्मान देते हुए, भारत के 54वें अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में उन्हें ‘भारतीय सिनेमा में विशेष पहचान बनाने के लिए’ पुरस्कृत किया गया। असाधारण चार दशकों के शानदार करियर के साथ, माधुरी दीक्षित ने भारतीय फिल्म उद्योग पर एक अमिट छाप छोड़ी है।
केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण तथा युवा कार्यक्रम और खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर, सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री डॉ एल. मुरुगन और गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने आज पणजी, गोवा में आयोजित 54वें आईएफएफआई के उद्घाटन समारोह में पुरस्कार की घोषणा की।
केन्द्रीय सूचना और प्रसारण तथा युवा कार्यक्रम और खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने एक्स पर पोस्ट किया, “लंबे समय तक पहचान बनाने वाली, माधुरी दीक्षित ने असाधारण चार दशकों तक अद्वितीय प्रतिभा के साथ हमारी स्क्रीन की शोभा बढ़ाई है।”
विविध किरदारों को जीवंत बनाने की उनकी क्षमता ने पीढ़ियों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया है। ‘भारतीय सिनेमा में विशेष पहचान बनाने के लिए’ पुरस्कार माधुरी दीक्षित की असाधारण उपलब्धियों और भारतीय सिनेमा पर उनके स्थायी प्रभाव का साक्षी है।
1980, 1990 और 2000 के दशक की शुरुआत में हिन्दी फिल्मों की प्रमुख अभिनेत्री, माधुरी दीक्षित को छह फिल्मफेयर पुरस्कार मिले और उन्हें रिकॉर्ड चौदह बार सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के फिल्मफेयर पुरस्कार के लिए नामांकित किया जा चुका है।
माधुरी दीक्षित ने अपने फ़िल्मी करियर की शुरुआत ‘अबोध’ (1984) से की और तेज़ाब (1988) से उन्हें व्यापक सार्वजनिक पहचान मिली। उन्हें 2014 में भारत में यूनिसेफ का सद्भावना राजदूत नियुक्त किया गया था।