मध्यप्रदेश को जल संसाधन के संरक्षण, संवर्धन और प्रबंधन में उत्कृष्ट कार्यों के लिए सर्वश्रेष्ठ राज्य श्रेणी का प्रथम राष्ट्रीय जल पुरस्कार प्राप्त हुआ है। यह देश का चौथा राष्ट्रीय जल पुरस्कार-2022 है। उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने मध्यप्रदेश के जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट और अपर मुख्य सचिव एसएन मिश्र को नई दिल्ली विज्ञान भवन में प्रथम पुरस्कार के प्रशस्ति-पत्र और ट्रॉफी से सम्मानित किया। इस दौरान केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, जल शक्ति राज्य मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल और बिश्वेश्वर टुडु भी उपस्थित थे। कार्यक्रम में 11 विभिन्न श्रेणी में 41 विजेताओं को सम्मानित किया गया।
इसके साथ ही इंदौर नगर निगम को जल आपूर्ति तथा वितरण में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए सर्वश्रेष्ठ शहरी स्थानीय निकाय श्रेणी के द्वितीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने इंदौर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव और अपर आयुक्त सिद्धार्थ जैन को प्रशस्ति-पत्र, ट्रॉफी और एक लाख 50 हजार रुपये नकद पुरस्कार से सम्मानित किया।
जल संसाधन मंत्री श्री सिलावट ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में कृषि और किसानों के लिए ऐतिहासिक काम हुए हैं। विगत 18 वर्ष में प्रदेश में सिंचाई का रकबा बढ़ कर 45 लाख हेक्टेयर हो गया है, जिसे वर्ष 2025 तक 65 लाख हेक्टेयर किये जाने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। जल प्रबंधन के हर क्षेत्र में मध्यप्रदेश ने उत्कृष्ट कार्य किया है।
जल उपयोग दक्षता उन्नयन
प्रदेश में बांध से सीधे खेतों तक भूमिगत पाइप लाइन से जल पहुँचाने का नवाचार हुआ है। प्रदेश की मोहनपुरा एवं कुंडालिया परियोजना, जिसकी सिंचाई क्षमता 2 लाख 25 हज़ार हेक्टेयर है, जल उपयोग दक्षता उन्नयन के क्षेत्र में अनुकरणीय सिंचाई परियोजना के रूप में स्थापित हो चुकी है।
मुख्यमंत्री राष्ट्रीय जल पुरस्कार मिलने पर दी बधाई
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मध्यप्रदेश को “राष्ट्रीय जल पुरस्कार-2022” मिलने पर प्रदेशवासियों को बधाई और शुभकामनाएँ दी हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि- “यह सम्मान प्रत्येक प्रदेशवासी के लिए गर्व का विषय है। ऐसे प्रयासों से न केवल हमारी धरती बचेगी, बल्कि इस धरा पर जीवन भी समृद्ध होगा।”