मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज यहाँ ‘मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ’ योजना का शुभारंभ करते हुए कहा कि योजना का दायरा बढ़ाया जायेगा। अब व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में भी काम सिखाने की व्यवस्था की जायेगी। मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना लागू करके मध्यप्रदेश ने एक और नया इतिहास रचा है। उन्होंने कहा कि हम बच्चों को और कौशल देंगे ताकि वे नई ऊँचाइयों पर पहुँच सके। उन्होंने कहा कि हम बच्चों को ऊँची उड़ान भर सकने का हौसला दे रहे हैं। उन्हें हुनर दे रहे हैं। बेरोजगारी भत्ता देना बेमानी है। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि प्रदेश में अब तक 60 हजार युवाओं को नौकरी दे चुके हैं। उन्होंने कहा कि वे प्रदेश को परिवार मानकर काम कर रहे हैं। बच्चों के सपनों को मरने नहीं देंगे। उन्हें हर हाल में पूरा करेंगे। संभागीय आईटीआई को आदर्श आईटीआई बनाया गया है। चौबीस नये आईटीआई खोले गए हैं।
प्रदेश में रोजगार के नए तरीके खोजे जा रहे हैं। शिक्षा ज्ञान तो देती है, साथ ही नागरिकता के संस्कार एवं कौशल भी देती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि विदयार्थियों को उद्योग-उन्मुख प्रशिक्षण मिलेगा। नवीनतम तकनीक और नवीनतम प्रक्रिया के माध्यम से प्रशिक्षण मिलेगा। व्यावसायिक प्रशिक्षण के दौरान स्टाइपेण्ड मिलेगा और मध्यप्रदेश राज्य कौशल विकास एवं रोजगार निर्माण बोर्ड द्वारा स्टेट कौंसिल फॉर वोकेशनल ट्रेनिंग का प्रमाण पत्र मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्टार्ट-अप्स को बढ़ावा देने के लिए स्टार्ट-अप नीति 2022 लागू की गई है। आज प्रदेश में 3 हजार 500 से ज्यादा स्टार्ट-अप्स और 80 से अधिक इन्क्यूबेटर्स कार्यरत हैं।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा है कि मध्यप्रदेश में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए सीएम राइज स्कूल प्रारंभ हो रहे हैं। प्राइवेट स्कूलों से बेहतर शिक्षा देने की कोशिश कर रहे हैं। स्वरोजगार के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि उद्यम क्रांति योजना के तहत लोन दे रहे हैं। चिड़िया अपने बच्चों को पंख देती है घोंसला नहीं देती, जिससे वे ऊँची उड़ान भर सकें। इसलिए बेरोजगारी भत्ता की जगह हम युवाओं को काम सिखाकर रोजगार दे रहे हैं। युवाओं को काम सिखाने के बदले 8 से 10 हजार रूपये स्टाइपेंड के रूप में दिये जायेंगे। काम सीखने के बाद वे खुद का स्वरोजगार शुरू कर सकते हैं। साथ ही उद्योगों में परमानेंट जॉब भी मिल सकेगा। युवा अपने पैरों पर खड़े होकर दिखाने का संकल्प लेकर चलें।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना में जून से रजिस्ट्रेशन शुरू किया गया था। यह क्रम लगातार जारी रहेगा। अब तक 16 हजार 744 कंपनियाँ पंजीकृत हो चुकी हैं। बेटा-बेटियों को कभी निराश नहीं होने दूंगा। तुम्हारे सपनों को मरने नहीं दूंगा। प्रदेश की प्रगति और विकास को नई रफ्तार मिलेगी। जिनको 12वीं के बाद रोजगार चाहिए वे अपना योजना में पंजीयन करा सकते हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि युवा जहां भी काम सीख सकते हैं वहां काम सीखें। अपनी जिन्दगी को बेहतर बनायें।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि पूरे प्रदेश में कौशल संवर्धन का कार्य चल रहा है। भोपाल में ग्लोबल स्किल पार्क बना रहे हैं। प्रदेश में स्टार्टअप नीति बनाई गई है। हर दिशा में कार्य जारी है। हर महीने 3 लाख बेटा-बेटियों को स्व-रोजगार से जोड़ा जा रहा है। मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना अनूठा प्रयोग होगा, जिसे आज नहीं तो कल पूरा देश स्वीकार करेगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि युवा वो है जो ठान लेता है, उसे पूरा करता है। स्वामी विवेकानंद जी कहते थे कि तुम अनंत शक्तियों के भंडार हो। इसलिए दृढ़-इच्छाशक्ति के साथ अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में जुट जायें। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने चयनित युवक-युवतियों को ऑफर लेटर वितरित किए।