मध्यप्रदेश में एमएसएमई का तेजी से विकास हुआ है। केन्द्र सरकार की रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में अब तक 17 लाख 15 हजार सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम इकाइयाँ केन्द्र सरकार के उद्यम रजिस्ट्रेशन पोर्टल पर रजिस्टर्ड हुई हैं। पोर्टल के मुताबिक इन उद्यमों में 16.52 अरब अमरीकी डालर यानि एक लाख 37 हजार करोड़ रूपये से अधिक का निवेश हुआ है। युवाओं को 73 लाख 5 हजार रोजगार के अवसर भी उपलब्ध हुए हैं।
एमएसएमई विभाग के सचिव पी. नरहरि ने बताया कि नई एमएसएमई और स्टार्टअप पॉलिसी तथा कलस्टर विकास नीति से मध्यप्रदेश के एमएसएमई सेक्टर में जबरदस्त ग्रोथ हुई है। उन्होंने बताया कि उद्यमिता और व्यापार यानि सेवा और उद्यम दोनों क्षेत्रों में यह ग्रोथ परिलक्षित हुई है तथा इसकी तस्दीक केन्द्र सरकार के उद्यम रजिस्ट्रेशन पोर्टल पर उपलब्ध आँकड़ों से की जा सकती है।
पी. नरहरि ने बताया कि एमएसएमई विभाग द्वारा “एक जिला-एक उत्पाद” में चुने गए उत्पादों के प्रचार-प्रसार के विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। “एक जिला-एक उत्पाद” में चुने गए जिलों की विनिर्माण इकाइयों को करनाल (हरियाणा), कुरुक्षेत्र, सहारनपुर में एक्सपोजर और लर्निंग विजिट करायी गई। जिलों के उत्पादों की मार्केटिंग और ब्रांडिंग विकास, निर्यात विकास एवं संवर्धन, स्किल डेवलपमेंट, वित्त पोषण, गुणवत्ता एवं सुधार और प्रौद्योगिकी उन्नयन के भी प्रयास किए जा रहे हैं।
बेहतर ग्रोथ के प्रयासों में प्रदेश के सभी एक जिला एक उत्पादों की प्रदर्शनी- सतना जिला के चित्रकूट में ग्रामोदय से राष्ट्रोदय मेला में लगायी गयी। प्रदर्शनी में सभी जिलों से आए लगभग 100 स्टाल लगाए गए। कार्यक्रम में लगभग एक लाख लोगों द्वारा सहभागिता की गई। साथ ही अन्य राज्यों उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली, भारत सरकार के विभिन्न विभागों, मंत्रियों एवं जन-प्रतिनिधियों की सक्रिय सहभागिता से इस दिशा में नया माहौल बना है।
हाल ही में विभाग द्वारा ओएनडीसी, एफआईटीटी, एसआईडीबीआई, एचडीएफसी बैंक, एमवन एक्सचेंज, योर स्टोरी, एसोचैम, टाइ ग्लोयल और पीएचडीसीसीआई के साथ निष्पादित एमओयू से प्रदेश की एमएसएमई एवं स्टार्टअप को फंडिंग, मार्केटिंग, हेण्डहोल्डिंग, विलंबित भुगतान से राहत का माध्यम जैसी सुविधाएँ प्राप्त होना प्रारंभ हो गई है।
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग द्वारा लघु उद्योग भारती मध्यप्रदेश के 16 से 18 दिसंबर तक कटनी में हुए तीन दिवसीय स्वावलम्बी भारत ट्रेड फेयर (जिसमें राष्ट्रीय ट्रेड फेयर, स्टार्ट-अप कॉनक्लेव एवं इण्डस्ट्रियल कॉनक्लेव हुए) के साथ सहभागिता की गई। विभाग द्वारा कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग एवं अन्य संबंधित विभागों के साथ समन्वय कर रोजगार सृजन के लिए एसमएसएमई का सुनियोजित विकास किया जा रहा है।