नई दिल्ली (हि.स.)। दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली आबकारी घोटाला मामले में ईडी और सीबीआई से जुड़े मामलों में दिल्ली के पूर्व उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज कर दी है। जस्टिस स्वर्णकांता शर्मा की बेंच ने जमानत याचिका खारिज करने का आदेश दिया।
हाई कोर्ट ने कहा कि सिसोदिया की याचिका केवल इस आधार पर दायर की गई है कि ट्रायल में देरी की गई है। जबकि अभियोजन की ओर से ट्रायल में कोई देरी नहीं की जा रही है बल्कि आरोपितों की ओर से कई याचिकाएं दायर की गईं जिसकी वजह से देरी हो रही है। हांलाकि हाई कोर्ट ने मनीष सिसोदिया को अपनी पत्नी से हफ्ते में एक बार मिलने की अनुमति दे दी।
मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर हाई कोर्ट ने 14 मई को फैसला सुरक्षित रख लिया था। सुनवाई के दौरान ईडी की ओर से पेश वकील जोहेब हुसैन ने कहा था कि इस मामले के ट्रायल में आरोपितों की वजह से देरी हो रही है। उन्होंने कहा था कि एक आरोपित ने ट्रायल कोर्ट में याचिका दायर कहा कि 1700 पेजों के चार्जशीट में से उन्होंने 1600 पेजों का परीक्षण नहीं किया है। वो आरोपित आम आदमी पार्टी का प्रवक्ता है। ट्रायल कोर्ट ने एक आरोपित के घर के खाने की मांग पर भी सुनवाई की।
मनीष सिसोदिया की ओर से जमानत की मांग करते हुए दलील दी गई थी कि अभी भी इस मामले में ईडी और सीबीआई की जांच जारी है। सिसोदिया की ओर से वरिष्ठ वकील दायन कृष्णन ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का जिक्र किया था और कहा था कि सीबीआई ने इस मामले में एक मुख्य चार्जशीट और दो पूरक चार्जशीट दाखिल की है। ईडी ने एक मुख्य चार्जशीट और छह पूरक चार्जशीट दाखिल की है। दोनों मामलों में अभी जांच जारी है। इस मामले में अभी गिरफ्तारी भी जारी है। सबसे ताजा गिरफ्तारी 3 मई को की गई है। उन्होंने कहा था कि एक आरोपित के खिलाफ तो अभी आरोप भी तय नहीं किए गए हैं। ट्रायल कोर्ट ने सिसोदिया की जमानत अर्जी पर सुनवाई के दौरान इस पहलू पर गौर नहीं किया। उन्होंने कहा कि ट्रायल शुरू करने की दिशा में शून्य काम हुआ है। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक मनीष सिसोदिया को जमानत दी जानी चाहिए।
उल्लेखनीय है कि 30 अप्रैल को राउज एवेन्यू कोर्ट ने सीबीआई और ईडी की ओर से दर्ज केस में सिसोदिया की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया था। इसी आदेश को सिसोदिया ने दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी है। इस मामले के सह-आरोपित और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट ने 10 मई को अंतरिम जमानत दी थी। उसके पहले सुप्रीम कोर्ट आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह को जमानत दे चुका है।