बिजली सेक्टर की उन्नति के लिए आउटसोर्स कर्मियों का विद्युत कंपनियों में संविलियन एवं संविदा कर्मियों का नियमितीकरण ही एकमात्र विकल्प है, इससे इन कर्मियों का न केवल भविष्य सुरक्षित होगा, अपितु उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण विद्युत आपूर्ति में भी सुधार आएगा।
मध्य प्रदेश विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव हरेंद्र श्रीवास्तव ने मध्य प्रदेश शासन के ऊर्जा विभाग के विशेष कर्तव्य अधिकारी के द्वारा जारी पत्र का जिक्र कर कहा कि संघ द्वारा तीन मांगों को लेकर 29 अगस्त 2022 एवं 29 सितंबर 2022 को मुख्यमंत्री, ऊर्जा मंत्री, श्रम मंत्री, सांसद, विधायक आदि को लगभग 265 ज्ञापन पत्र दिए गए थे।
इसके अलावा 21 जनवरी से 25 जनवरी 2023 तक 5 दिन संपूर्ण मध्य प्रदेश के 52 जिलों के 45000 आउटसोर्स, संविदा नियमित कर्मचारियों के द्वारा हड़ताल की गई थी। जिसमें मध्य प्रदेश शासन को पत्र देकर अवगत कराया गया था कि जब मध्य प्रदेश राज्य विद्युत मंडल की सभी कंपनियों में लगातार 15 वर्षों में लगभग 50000 नियमित कर्मचारी सेवानिवृत होने से उनके स्थान रिक्त पड़े हुए हैं। उनकी जगह कंपनी प्रबंधन के द्वारा आउटसोर्स कर्मियों की भर्ती कर ली गई है।
हरेंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि सभी आउटसोर्स कर्मियों का सभी बिजली कंपनियों में संविलियन किया जावे एवं ठेकेदारी प्रथा समाप्त की जावे। संघ द्वारा वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव के दौरान जब भारतीय जनता पार्टी का जन संकल्प पत्र लिखा जा रहा था उस समय संघ द्वारा भोपाल शाहजहानी पार्क से रैली निकालकर तात्कालीन प्रदेश अध्यक्ष नरेंद्र तोमर को ज्ञापन पत्र सौंपा गया था कि संविदा कर्मचारियों को नियमितीकरण किया जावे।
भारतीय जनता पार्टी का जब जन संकल्प पत्र आया तो उसके पेज क्रमांक 33 और बिंदु क्रमांक 9.6 में स्पष्ट लिखा था कि सरकार बनते ही संविदा कर्मचारियों को नियमितीकरण कर दिया जावेगा, किंतु 10 साल गुजारने के बाद आज तक संविदा कर्मचारियों को नियमित नहीं किया गया है।
प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री के द्वारा 4 जुलाई 2023 को संविदा कर्मचारियों की भोपाल में महापंचायत बुलाकर आश्वासन दिया गया था कि नियमित कर्मचारियों की तरह संविदा कर्मचारियों को भी सारी सुविधाएं दी जावेगी एवं संविदा कर्मचारियों के लिए वर्ष 2023 की नीति बनाई जावेगी जो आज तक नहीं बनाई गई। ऊर्जा विभाग के विशेष कर्तव्य अधिकारी के द्वारा निकाले गए आदेश का संघ स्वागत करता है।
संघ के राम समझ यादव, शंभू नाथ सिंह, रमेश रजक, एसके मौर्य, केएन लोखंडे, जीके कोस्टा, राम केवल, बीपी सिंह, असलम खान, रतिपाल यादव, शंकर यादव, मोहन दुबे, राजकुमार सैनी, अजय कश्यप, लखन सिंह राजपूत, अमीन अंसारी, इंद्रपाल सिंह, संदीप यादव, शशि उपाध्याय, विनोद दास, दशरथ शर्मा, मदन पटेल, पवन यादव, विपतलाल विश्वकर्मा, आदि ने मध्य प्रदेश शासन के मुख्यमंत्री एवं ऊर्जा मंत्री से मांग की है कि विद्युत कंपनियों में कार्यरत आउटसोर्स कर्मियों का संविलियन किया जावे एवं ठेकेदारी प्रथा समाप्त की जावे। साथ ही संविदा कर्मचारियों को नियमित किया जावे।