प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई आर्थिक मामलों की मंत्रीमंडल की समिति ने उर्वरक विभाग के उस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी, जिसमें उर्वरक विभाग ने प्रस्ताव किया था कि वर्ष 2021-22 (मौजूदा मौसम तक) के लिये पी-एंड-के उर्वरकों पर पोषक तत्व आधारित सब्सिडी तय कर दी जाये।
इस प्रस्ताव को मंजूदी देते हुये मोदी सरकार ने डीएपी पर दी जाने वाली सब्सिडी को 700 रुपये बढ़ा दिया है। उल्लेखनी है कि अभी तक किसानों को 500 रुपये प्रति बैग की सब्सिडी मिलती थी, लेकिन सब्सिडी में 700 रुपये की वृद्धि किये जाने के बाद अब किसानों को 1200 रुपये प्रति बैग के हिसाब से सब्सिडी मिलेगी। इस अर्थ है कि किसानों को डीएपी खाद पहले की तरह ही 1200 रुपये में मिलेगी और कंपनियों की तरफ से बढ़ाई गई कीमत का उन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
अभी तक सरकार डीएपी पर 500 रुपये प्रति बैग के हिसाब से सब्सिडी देती थी, जबकि डीएपी की कीमत 1700 रुपये प्रति बैग थी। इसे बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाला कच्चा माल महंगा होने के चलते कंपनियों ने इसकी कीमत बढ़ाकर 2400 रुपये कर दी। इसकी वजह से किसानों को सब्सिडी के बाद भी 1900 रुपये चुकाने पड़ रहे थे। इससे उन पर 700 रुपये का अतिरिक्त भार पड़ रहा था। सरकार ने सब्सिडी बढ़ाकर किसानों को इससे राहत दे दी है।
सरकार का कहना है कि पिछले कुछ महीनों में डीएपी और अन्य पी-एंड-के उर्वरकों के कच्चे माल की अंतर्राष्ट्रीय कीमतें तेजी से बढ़ी हैं। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में तैयार डीएपी आदि की कीमतों में भी इजाफा हुआ है।
कीमतें तेजी से बढऩे के बावजूद भारत में डीएपी की कीमतें शुरूआत में कंपनियों ने नहीं बढ़ाई थीं, हालांकि कुछ कंपनियों ने इस वित्त वर्ष की शुरूआत में डीएपी की कीमत में इजाफा किया था। सब्सिडी बढ़ाने से मोदी सरकार पर करीब 14,775 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।