कानपुर (हि.स.)। समुद्री गतिविधियों की बेहतर स्थिति होने से मानसून बंगाल की खाड़ी से आगे बढ़ रहा है। उम्मीद है कि उत्तर प्रदेश में 22 जून से मानसून बारिश होगी और सामान्य से अधिक बारिश रहने की संभावना है। इससे पूर्व प्री मानसून की गतिविधियां बनी रहेंगी, जिससे तापमान में गिरावट होगी। इसके साथ ही मेघ गर्जन के साथ बौछारें पड़ेंगी और गुरुवार को पूर्वी उत्तर प्रदेश में स्थानीय स्तर पर बौछारें पड़ी। हालांकि मध्य और पश्चिम उत्तर प्रदेश में ऐसी स्थिति तीन चार दिन बाद बनेंगी।
चन्द्रशेखर आजाद कृषि प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक डॉ. एस एन सुनील पाण्डेय ने गुरुवार को बताया कि बंगाल की दक्षिणी खाड़ी के कुछ हिस्सों, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के शेष हिस्सों, पूर्वी केंद्र बंगाल की खाड़ी के कुछ हिस्सों में मानसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अच्छी बनती जा रही हैं। दक्षिण-पश्चिम और इससे सटे पश्चिम मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना एक निम्न दबाव उत्तर पूर्व दिशा में बढ़ गया है। संबंधित चक्रवाती परिसंचरण औसत समुद्र तल से 7.6 किमी ऊपर तक फैला हुआ है। इस चक्रवाती परिसंचरण के उत्तर पूर्व दिशा में बढ़ने और 24 मई की सुबह तक बंगाल की खाड़ी के मध्य भागों पर एक डिप्रेशन में केंद्रित होने की संभावना है। यह उत्तर-पूर्व दिशा में आगे बढ़ना जारी रख सकता है।
इसके बाद तीव्र होकर 25 मई की शाम तक उत्तर-पूर्व और उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी में पहुंच सकता है। दक्षिण-पूर्वी राजस्थान पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। एक ट्रफ रेखा दक्षिण-पूर्व राजस्थान पर बने चक्रवाती परिसंचरण से मध्य प्रदेश के मध्य भागों से होते हुए झारखंड तक फैली हुई है। एक उत्तर-दक्षिण ट्रफ दक्षिण-पूर्व राजस्थान पर चक्रवाती परिसंचरण से लेकर दक्षिण-पश्चिम मध्य प्रदेश गुजरते हुए पूर्वी विदर्भ तक फैली हुई है।
उन्होंने बताया कि एक चक्रवाती परिसंचरण बांग्लादेश और उससे सटे पश्चिम बंगाल के ऊपर समुद्र तल से 3.1 से 5.8 किमी ऊपर है। दक्षिण केरल के ऊपर एक चक्रवाती परिसंचरण औसत समुद्र तल से 5.8 किमी ऊपर तक फैला हुआ है। मौसम की इन गतिविधियों से उत्तर प्रदेश में प्री मानसून की हवाएं पूर्वी उत्तर प्रदेश से लेकर मध्य क्षेत्र तक आ रही है। इससे आसमान में बादलों की आवाजाही बनी रहेगी और तापमान में गिरावट होगी। स्थानीय स्तर पर मेघ गर्जन, आकाशीय बिजली और बौछारें पड़ने की संभावना बनी हुई है। ऐसे में तापमान तो गिरेगा लेकिन वातावरण में नमी होने से उमस भरी गर्मी बढ़ेगी।
उन्होंने बताया कि कानपुर में अधिकतम तापमान 38.4 और न्यूनतम तापमान 28.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। सुबह की सापेक्षिक आर्द्रता 60 और दोपहर की सापेक्षिक आर्द्रता 42 प्रतिशत रही। हवाओं की दिशाएं उत्तर पूर्व रहीं जिनकी औसत गति 10.4 किमी प्रति घंटा रही। मौसम पूर्वानुमान के अनुसार अगले पांच दिनों में हल्के बादल छाए रहने के आसार हैं किन्तु वर्षा की कोई संभावना नहीं है। उमस भरी गर्मी जारी रहने की संभावना है।