कोल इंडिया लिमिटेड भी अब बिजली उत्पादन के क्षेत्र में उतरेगी और इसके लिए एमपी जेनको के साथ मिलकर अमरकंटक में 660 मेगावाट की नई ताप विद्युत यूनिट स्थापित करेगी। मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी और कोल इंडिया लिमिटेड की साउथ ईस्टर्न कोल लिमिटेड (एसईसीएल) के मध्य 660 मेगावाट स्थापित क्षमता की एक यूनिट को अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई में स्थापित करने के लिए एक संयुक्त उपक्रम कंपनी गठित करने का मेमोरेण्डम ऑफ अंडरस्टेडिंग (एमओयू) हस्ताक्षरित हुआ।
एमओयू में मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी के प्रबंध संचालक मनजीत सिंह और एसईसीएल के जनरल मैनेजर अरूपदत्त चौधरी ने हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर पावर जनरेटिंग कंपनी के डायरेक्टर कॉमर्शियल प्रतीश कुमार दुबे, कार्यपालक निदेशक परियोजना उत्पादन बीएल नेवल, एसईसीएल के चीफ मैनेजर अजय कुमार सेन सहित पावर जनरेटिंग कंपनी के अभियंता उपस्थित थे।
मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी और एसईसीएल के मध्य गठित संयुक्त उपक्रम कंपनी सुपर क्रिटिकल आधुनिकतम तकनीक के आधार पर विद्युत उत्पादन करेगी। विद्युत यूनिट में एयर कूल्ड कंडेसर तकनीक का उपयोग किया जाएगा, जिससे विद्युत उत्पादन में अत्यंत कम पानी की जरूरत पड़ेगी। एसईसीएल 660 मेगावाट क्षमता की यूनिट के लिए उच्च गुणवत्ता का कोयले की सप्लाई करेगा।
संयुक्त उपक्रम कंपनी के रूप में स्थापित होने वाली इस यूनिट की अनुमानित लागत ₹ 4665.87 करोड़ रहेगी। मध्यप्रदेश शासन की केबिनेट मीटिंग में इस वर्ष जनवरी में इस संयुक्त उपक्रम कंपनी को गठित करने की स्वीकृति मिली थी। संभावना व्यक्त की गई है कि 660 मेगावाट स्थापित क्षमता की यह यूनिट वर्ष 2027-28 में क्रियाशील हो जाएगी।
एसईसीएल के जनरल मैनेजर अरूपदत्त चौधरी ने एमओयू हस्ताक्षर होने के बाद संभावना व्यक्त की कि मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी के उत्कृष्ट इंजीनियरों के बेहतर कार्यनिष्पादन और एसईसीएल की कोयला सप्लाई से अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई में स्थापित होने वाली 660 मेगावाट की विद्युत यूनिट भविष्य में उत्पादन के नए प्रतिमान बनाएगी।