मध्य प्रदेश के निजी स्कूलों में मनमानी फीस वसूली को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने आदेश देते हुये कहा है कि निजी स्कूल संचालकों को अभिभावकों को यह बताना होगा कि वे किस मद में कितनी फीस ले रहे हैं। साथ ही अभिभावकों की शिकायतों पर जिला शिक्षा समिति को चार हफ्तों में निर्णय लेना होगा।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार जागृत पालक संघ मध्यप्रदेश की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अभिभावकों को फीस की जानकारी देने के बाद, स्कूल संचालक ये जानकारी जिला शिक्षा समिति को देंगे। इसके बाद प्रदेश के स्कूल शिक्षा विभाग को इस जानकारी को दो हफ्ते में अपनी वेबसाईट पर अपलोड करना होगा।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि अगर किसी पालक को स्कूल से कोई शिकायत है तो वह जिला शिक्षा समिति के पास अपनी शिकायत दर्ज करा सकेगा और समिति को चार सप्ताह में इसका निराकरण करना होगा।
उल्लेखनीय है कि टयुशन फीस के नाम पर स्कूल संचालकों द्वारा पूरी फीस वसूले जाने के मामले में इंदौर के जागृत पालक संघ के अध्यक्ष एडवोकेट चंचल गुप्ता और सचिव सचिन माहेश्वरी व अन्य सदस्यों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। इसके बाद सुप्रीम कोटज़् ने ये फैसला सुनाया है।