मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने केंद्रीय केबिनेट द्वारा वानिकी संबंधी पहल के माध्यम से 13 नदियों के कायाकल्प पर जारी विस्तृत परियोजना रिपोर्ट में मध्यप्रदेश की जीवनदायिनी माँ नर्मदा को शामिल करने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केन्द्रीय केबिनेट का हार्दिक आभार व्यक्त किया है।
सीएम चौहान ने कहा है कि वानिकी के माध्यम से ठोस पहल करते हुए देश की 13 प्रमुख नदियों के कायाकल्प की योजना आगामी 25 वर्ष को अमृत काल के रूप में बनाने के प्रधानमंत्री मोदी के समग्र दृष्टिकोण के अनुरूप है। यह गत वर्ष हुए सीओपी-26 वैश्विक जलवायु सम्मेलन में भारत की पंचामृत की प्रतिबद्धता के अनुरूप भी है।
यह परियोजना नदियों के संरक्षण और उनके पुर्नउद्धार की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। पर्यावरण को बचाने की दिशा में ठोस कार्य से देश की प्रगति को भी मजबूत करने का कार्य होगा। प्रधानमंत्री मोदी ने दूरदर्शी दृष्टिकोण से इस योजना की कल्पना की है। पर्यावरण से जुड़े विषयों पर विश्व के अनेक राष्ट्रों तक उनके दर्शन की बात पहुँच चुकी है। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय पर्यावरण सम्मेलनों में भी सफलतापूर्वक अपना संदेश पहुँचाया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने पूरे संसार के कल्याण की बात को ग्लोबल गुड, पी-3 एप्रोच, मिशन लाइफ आदि के माध्यम से पर्यावरण हितैषी मंत्र के रूप में सामने रखा है। पंचामृत के लिए प्रतिबद्धता देश को सशक्त करेगी। मध्यप्रदेश उनके इस मंत्र को धरती पर उतारने में कोई कसर नहीं छोड़ेगा। आजादी का अमृत महोत्सव भारत के लिए स्वर्ण काल है। मध्यप्रदेश स्वच्छता और पर्यावरण के क्षेत्र में बेहतर कार्य कर दिखाएगा।
उल्लेखनीय है कि केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव और केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने राज्य मंत्री, एमओईएफ एंड सीसी अश्विनी कुमार चौबे के साथ संयुक्त रूप से वानिकी संबंधी पहलों के माध्यम से 13 प्रमुख नदियों के कायाकल्प पर विस्तृत परियोजना रिपोर्ट जारी की। देश की झेलम, चिनाब, रावी, ब्यास, सतलुज, यमुना, ब्रह्मपुत्र, लूनी, नर्मदा, गोदावरी, महानदी, कृष्णा और कावेरी इन 13 नदियों के लिए डीपीआर जारी की गई है।