नर्सिंग शिक्षा और प्रैक्टिस के क्षेत्र में परिवर्तनकारी बदलाव लाने के उद्देश्य से एक ऐतिहासिक कदम के तहत संसद ने राष्ट्रीय नर्सिंग और मिडवाइफरी आयोग (NNMC) विधेयक, 2023 पारित कर दिया है। यह अधिनियम मौजूदा भारतीय नर्सिंग परिषद को एक आधुनिक नियामक संरचना के साथ बदल देगा, जो क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण विधायी सुधार को चिन्हित करेगा।
एनएनएमसी अधिनियम, 2023, नर्सिंग शिक्षा और सेवाओं के मानकों को ऊंचा उठाने, पेशेवर आचरण को बढ़ाने और अधिक पारदर्शिता एवं जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए कई महत्वपूर्ण प्रावधान पेश करेगा। प्रस्तावित अधिनियम की मुख्य बातें इस प्रकार हैं:
राष्ट्रीय और राज्य आयोगों की स्थापना
एनएनएमसी अधिनियम के तहत, एक राष्ट्रीय नर्सिंग और मिडवाइफरी आयोग और राष्ट्रीय स्तर पर स्वायत्त बोर्ड की स्थापना की जाएगी। शिक्षा और सेवा मानकों को विनियमित करने एवं बनाए रखने, पेशेवर आचरण की निगरानी करने तथा ऑनलाइन और लाइव रजिस्टरों का प्रबंधन करने के लिए संबंधित राज्य नर्सिंग और मिडवाइफरी आयोग भी स्थापित किए जाएंगे।
कार्यकाल और जवाबदेही
अधिनियम द्वारा शुरू किए गए महत्वपूर्ण सुधारों में से एक सदस्यों और आयोग के अध्यक्ष के लिए निश्चित कार्यकाल का प्रावधान होगा, पुनर्नियुक्ति को समाप्त करना और निहित स्वार्थों को रोकना होगा। यह उपाय नर्सिंग शिक्षा क्षेत्र में नियामकों के बीच पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करता है। यह अधिनियम सरकार को जनता के हित में आयोग को निर्देश जारी करने का अधिकार भी देगा।
समान प्रवेश प्रक्रिया और क्षमता
राष्ट्रीय आयोग नर्सिंग शिक्षा में स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए एक मानकीकृत प्रवेश प्रक्रिया लागू करेगा। इसके अलावा, यह उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित करने के लिए नर्सिंग और मिडवाइफरी पेशेवरों की क्षमता बनाए रखने पर ध्यान केंद्रित करेगा।
नवाचार और सहयोग को अपनाना
एनएनएमसी अधिनियम नर्सिंग शिक्षा में अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी और नवाचार के उपयोग को प्रोत्साहित करेगा। आयोग नर्सिंग क्षेत्र में तालमेल, उत्कृष्टता एवं अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए उद्योग तथा अन्य संस्थानों के साथ सहयोग करेगा।
सॉफ्ट स्किल्स और विशिष्ट पाठ्यक्रमों का विकास
अधिनियम पंजीकृत पेशेवरों के बीच सॉफ्ट स्किल्स के विकास पर जोर देगा और नर्सिंग और मिडवाइफरी में विशेष पाठ्यक्रमों और सर्टिफिकेशन प्रोग्राम को मान्यता देगा। इस कदम का उद्देश्य विभिन्न क्षेत्रों में नर्सिंग पेशेवरों की विशेषज्ञता को बढ़ाना है।
वैश्विक गतिशीलता और विशेषज्ञता
एनएनएमसी अधिनियम राष्ट्रीय आयोग की बैठकों में भाग लेने के लिए विदेशी विशेषज्ञों और डोमेन विशेषज्ञों को आमंत्रित करके भारतीय नर्सों की वैश्विक गतिशीलता और रोजगार क्षमता को सुविधाजनक बनाने का प्रयास करेगा। यह अंतर्राष्ट्रीय सहयोग भारतीय नर्सों के कौशल और विशेषज्ञता को बढ़ाने में योगदान देगा।
राष्ट्रीय सलाहकार परिषद और समन्वय
अधिनियम सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से समान प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के लिए एक राष्ट्रीय सलाहकार परिषद के गठन का प्रावधान करेगा। यह परिषद नर्सिंग शिक्षा, सेवाओं, प्रशिक्षण और अनुसंधान से संबंधित मामलों पर सलाह देगी। इसके अतिरिक्त, स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराना, राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग, फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया, नेशनल कमीशन फॉर अलाइड एंड हेल्थकेयर प्रोफेशन, नेशनल कमीशन ऑफ इंडियन सिस्टम ऑफ मेडिसिन और नेशनल कमीशन ऑफ होम्योपैथी सहित प्रासंगिक वैधानिक निकायों के साथ संयुक्त बैठकें एक टीम-आधारित दृष्टिकोण को बढ़ावा देंगी। राष्ट्रीय नर्सिंग और मिडवाइफरी आयोग विधेयक 2023 का पारित होना, नर्सिंग शिक्षा तथा अभ्यास मानकों को ऊपर उठाने, नवाचार को बढ़ावा देने और स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने की दिशा में एक बड़े कदम का प्रतीक है। यह एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है जो अत्यधिक कुशल और सक्षम नर्सिंग कार्यबल को विकसित करने की सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है, जिससे देश में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित होती है।
स्वास्थ्य सेवा की गुणवत्ता को बेहतर करने और दंत चिकित्सा शिक्षा को वैश्विक मानकों के अनुरूप बनाने की दिशा में उठाए गए एक महत्वपूर्ण कदम के तहत संसद ने राष्ट्रीय दंत चिकित्सा आयोग विधेयक, 2023 को पारित कर दिया है। यह ऐतिहासिक कानून अपने नागरिकों के लिए दंत चिकित्सा सेवा के सबसे ऊंचे मानक सुनिश्चित करने के लिए सरकार की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
राष्ट्रीय दंत चिकित्सा आयोग अधिनियम 2023 देश में राष्ट्रीय दंत चिकित्सा आयोग (NDC) की स्थापना करते हुए एक अभूतपूर्व नियामकीय ढांचा उपलब्ध कराएगा जो मौजूदा भारतीय दंत चिकित्सा परिषद (DCI) की जगह लेगा और दंत चिकित्सक विधेयक, 1948 को निरस्त कर देगा। इस कानून के तहत दंत चिकित्सा शिक्षा एवं पेशे के पूरे परिवेश को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप तैयार करने की परिकल्पना की गई है। इसकी प्रमुख विशेषताएं इस प्रकार हैं:
राष्ट्रीय दंत चिकित्सा आयोग और राज्य दंत चिकित्सा परिषदों का गठन
यह अधिनियम राष्ट्रीय दंत चिकित्सा आयोग की स्थापना करता है और राज्य दंत चिकित्सा परिषदों अथवा संयुक्त दंत चिकित्सा परिषदों के गठन का आदेश देता है। इस ढांचे का उद्देश्य प्राधिकरण का विकेंद्रीकरण करना और प्रभावी विनियमन को बेहतर करना है।
तीन स्वायत्त बोर्ड
अधिनियम तीन अलग-अलग स्वायत्त बोर्डों:- स्नातक एवं स्नातकोत्तर दंत चिकित्सा बोर्ड, दंत चिकित्सा आकलन एवं रेटिंग बोर्ड (डीएआरबी) और आचार संहिता एवं दंत चिकित्सा पंजीकरण बोर्ड (ईडीआरबी) को सशक्त करेगा। ये बोर्ड व्यापक नियामकीय ढांचे में योगदान करते हुए विशिष्ट कार्यों को निपटाएंगे।
निर्धारित कार्यकाल एवं पेशेवर विकास
यह कानून आयोग के अध्यक्ष, सदस्यों और सचिव के लिए एक निश्चित कार्यकाल निर्धारित करेगा, जिसमें दोबारा नियुक्ति की कोई गुंजाइश नहीं होगी। एनडीसी प्रोत्साहन और निवारक दंत चिकित्सा सेवाओं पर जोर देगा और बेहतर करियर के लिए दंत चिकित्सकों एवं दंत चिकित्सा सहायकों के लिए आवश्यक कौशल को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करेगा।
उद्योग के साथ सहयोग एवं तकनीकी नवाचार
सहयोग एवं शोध के महत्व पर जोर देते हुए यह कानून दंत चिकित्सा क्षेत्र के अनुसंधान में प्रगति को बढ़ावा देने के लिए उद्योग और संस्थानों के साथ साझेदारी को प्रोत्साहित करेगा। यह दंत चिकित्सा शिक्षा में अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी को शामिल करने पर भी जोर देता है।
ऑनलाइन राष्ट्रीय पंजीकरण एवं दंत चिकित्सा सलाहकार परिषद
यह अधिनियम लाइसेंस प्राप्त दंत चिकित्सकों और दंत चिकित्सा सहायकों का एक ऑनलाइन एवं लाइव राष्ट्रीय रजिस्टर बनाने का प्रावधान करेगा। इसके अलावा, यह सभी राज्यों/ केंद्रशासित प्रदेशों के प्रतिनिधित्व के साथ एक दंत चिकित्सा सलाहकार परिषद स्थापित करने का प्रावधान करता है ताकि व्यापक अंतर्दृष्टि एवं मार्गदर्शन सुनिश्चित हो सके।
योग्यता आधारित चयन प्रक्रिया
इस कानून के तहत एनडीसी का नेतृत्व एक ‘चयनित’ नियामक द्वारा किया जाएगा। इसमें कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता वाली एक खोज सह-समिति द्वारा योग्यता के आधार पर चयन के लिए उपयुक्त प्रक्रिया अपनाएगी। इसमें एनडीसी के अध्यक्ष एवं सदस्यों की नियुक्ति शामिल है।
सहयोगात्मक दृष्टिकोण
यह अधिनियम चिकित्सा आयोग, फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया, इंडियन नर्सिंग काउंसिल, भारतीय चिकित्सा प्रणाली के लिए राष्ट्रीय आयोग, होम्योपैथी के लिए राष्ट्रीय आयोग और संबद्ध एवं स्वास्थ्य सेवा व्यवसाय के लिए राष्ट्रीय आयोग जैसे संबंधित वैधानिक निकायों के साथ संयुक्त बैठक की सुविधा प्रदान करेगा।
शुल्क विनियमन और संविधान
यह कानून निजी दंत चिकित्सा कॉलेजों और डीम्ड विश्वविद्यालयों में पचास प्रतिशत सीटों के लिए शुल्क निर्धारित करने संबंधी दिशा-निर्देश तैयार करने का अधिकार भी आयोग को देगा। इसके अलावा, इस कानून के लागू होने के एक साल के अंदर सभी राज्य सरकारें राज्य दंत चिकित्सा परिषद अथवा संयुक्त दंत चिकित्सा परिषद की स्थापना करेंगी। राष्ट्रीय दंत चिकित्सा आयोग अधिनियम 2023 दंत चिकित्सा शिक्षा क्षेत्र में महत्वपूर्ण नियामकीय सुधार करने के लिए तैयार है। यह जनता के हितों की रक्षा के लिए पारदर्शिता, जवाबदेही और व्यावसायिकता सुनिश्चित करने की वकालत करता है। यह आयोग खाने वाली सस्ती दवाओं के साथ स्वास्थ्य सेवा की उपलब्धता और भारतीय दंत चिकित्सा पेशेवरों की वैश्विक स्तर पर रोजगार क्षमता को बढ़ाते हुए घरेलू एवं अंतर्राष्ट्रीय दंत चिकित्सा सेवा मानकों को बेहतर करने के लिए तैयार है।