नए कृषि कानूनों को लेकर किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच आज शुक्रवार को हुई आठवें दौर की वार्ता में कोई हल नहीं निकल पाया है। केंद्र सरकार जहां कानून में संशोधन करने के लिए सहमत दिखाई दे रही है, वहीं किसान संगठन तीनों कृषि कानून वापस लिए जाने की मांग पर अड़े हुए हैं।
आज कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, रेल मंत्री पीयूष गोयल और वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री सोम प्रकाश नेविज्ञानभवनमें किसान संगठनों के प्रतिनिधियों से वार्ता कीI केंद्र सरकार ने किसान संगठनों से कृषि सुधार के नये कानूनों में संशोधन करने हेतु बिन्दुवार चर्चा करने का अनुरोध किया।
कृषि मंत्री ने कहा कि कृषि सुधार कानूनों को देशव्यापी समग्रता की दृष्टि से एवं देश के किसानों के व्यापक हितों को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है। सरकार को किसानों की पूरी चिंता है तथा सरकार चाहती है कि आंदोलन जल्द से जल्द समाप्त हो, परन्तु सरकार के सुझाव के अनुसार विकल्पों पर अभी तक प्रावधानिक चर्चा न होने के कारण उचित निर्णय तथा समाधान नहीं हो पाया है।
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सरकार किसान प्रतिनिधियों के साथ खुले मन से चर्चा करके समाधान करने का हरसंभव प्रयास कर रही है। यदि विकल्पों के आधार पर चर्चा होगी तो सरकार तर्कपूर्ण समाधान करने के लिए प्रतिबद्ध है।
सरकार द्वारा तीनों कृषि सुधार कानूनों पर बिन्दुवार चर्चा करने का अनुरोध किया गया, जिस पर किसान संगठनों ने अपनी असहमति जताई और कानून को वापस लेने की मांग की।
इस पर कृषि मंत्री ने कहा कि संबंधित प्रावधान या बिन्दु, जिन पर किसान संगठन असहमत हों या उन्हें कोई आपत्ति हो तो उसे सरकार के संज्ञान में लाया जा सकता है, तब उन पर यथोचित विचार करके संशोधन किया जा सकता है। लेकिन लगातार लंबी चर्चा करने के बावजूद आज कोई विकल्प नहीं निकल पाया।
हालांकि सरकार व किसान संगठनों ने 15 जनवरी को दोपहर 12 बजे अगली बैठक में आगे की चर्चा करने पर अपनी सहमति प्रदान की। अगली बैठक के पूर्व कृषि सुधार कानूनों से संबंधित मुद्दों पर विकल्पों की दृष्टि से विचार-विमर्श किया जाएगा।