भोपाल (हि.स.)। वाइस एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी ने मंगलवार को नए नौसेना प्रमुख का पदभार संभाल लिया। मूल रूप से मध्य प्रदेश के सतना जिले के रहने वाले दिनेश कुमार त्रिपाठी आर. हरि कुमार के सेवा से सेवानिवृत्त होने के बाद 26वें नौसेना प्रमुख बने। उनके सेना प्रमुख बनने से मप्र के दो जिले रीवा और सतना गौरवान्वित हैं।
दरअसल, सतना जिले के रामपुर बाघेलान के महुडर गांव में 15 मई 1964 को सामान्य ब्राह्मण परिवार में जन्मे एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी ने रीवा के सैनिक स्कूल के सतपुड़ा हाउस में रहकर पढ़ाई की थी। उनके पिता (स्व.) मुनि प्रसाद तिवारी स्वास्थ्य विभाग में कंपाउंडर थे, जबकि मां रजनी तिवारी गृहिणी हैं, जो बेटे के साथ ही रहती हैं। तीन भाइयों और एक बहन में सबसे बड़े दिनेश कुमार त्रिपाठी की पांचवीं तक की शिक्षा गांव के सरकारी स्कूल में ही हुई।
वर्ष 1973 में उन्हें रीवा के सैनिक स्कूल में दाखिला मिला। वर्ष 1981 में यहां से निकले तो राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, खडगवासला, पुणे, महाराष्ट्र में प्रवेश लिया। एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी को अपने गांव से बेहद प्यार है और समय-समय पर वे यहां आते रहते हैं। यहां इनके परिवार का मकान है। हालांकि, परिवार के लोग रीवा में रहते हैं।
अभी 10 दिनों पहले ही एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी अपने पैतृक गांव महुडर पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने बचपन के मित्रों, चचेरे भाई सेवानिवृत मुख्य वन संरक्षक डॉ. एसपीएस तिवारी और उनसे मिलने आए बहन-बहनोई के साथ भरपूर समय बिताया। गांव के लोगों ने फूल-माला पहनाकर उनका स्वागत भी किया। एडमिरल दिनेश त्रिपाठी जब भी गांव में होते हैं, वे पूरा संवाद विंध्य अंचल की बोली ‘बघेली” में ही करते हैं।
चाचा ने निभाई मेंटोर की भूमिका
चचेरे भाई डॉ. एसपीएस तिवारी ने बताया कि सैन्य स्कूल और एनडीए में प्रवेश दिलाने में दिनेश के चाचा और आईटीआई रीवा के सेवानिवृत अनुदेशक रामलखन तिवारी की महत्वपूर्ण भूमिका रही। प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी उन्होंने ही कराई। रामलखन तिवारी गणित और भौतिकी के अच्छे शिक्षक थे। उन्होंने दिनेश को और मुझे न केवल पढ़ाया, बल्कि वे हम दोनों के मेंटर भी रहे। उन्होंने ही बताया कि दिनेश का विवाह रीवा जिले के देवतालाब क्षेत्र के देल्ही गांव में अंगिरा प्रसाद दुबे (सेवानिवृत आईएफएस) की छोटी बेटी रजनी से हुआ है।