केंद्रीय मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने आज महामारी की तीसरी लहर को देखते हुए कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) के दिशा-निर्देशों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि गर्भवती महिला और दिव्यांग कर्मचारियों को कार्यालय आने से छूट दी गई है। हालांकि उन्हें उपलब्ध रहने और घर से काम करने की जरूरत होगी।
केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि कंटेनमेंट जोन में रहने वाले सभी अधिकारी और कर्मचारियों को भी उस समय तक कार्यालय आने से छूट रहेगी, जब तक उनके क्षेत्र को अधिसूचित क्षेत्र से बाहर नहीं किया जाता।
केंद्रीय मंत्री ने आगे बताया कि अवर सचिव पद के स्तर से नीचे के सरकारी कर्मियों की उपस्थिति वास्तविक संख्या के 50 फीसदी तक सीमित कर दी गई है और बाकी 50 फीसदी घर से काम करेंगे। उन्होंने कहा कि सभी संबंधित विभागों में इसके अनुरूप कार्यसूची तैयार की जाएगी।
हालांकि, मंत्री ने कहा जो अधिकारी व कर्मचारी कार्यालय नहीं आ रहे हैं और घर से काम कर रहे हैं, वे हर समय टेलीफोन और संचार के अन्य इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों के जरिए उपलब्ध रहेंगे।
कोविड-19 विषाणु के संक्रमण की तेजी को देखते हुए डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि डीओपीटी का कार्यालय ज्ञापन इस सलाह के साथ जारी किया गया है कि यथासंभव आधिकारिक बैठकें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ही की जाएं। उन्होंने आगे कहा जब तक बहुत जरूरी न हो, आगंतुकों के साथ व्यक्तिगत बैठकों से बचना चाहिए।
मंत्री ने कहा कि कार्यालय परिसर में अधिक भीड़ से बचने के लिए अधिकारी व कर्मचारी अलग-अलग समय का पालन करेंगे। यानी (क) सुबह 9 बजे से शाम 5:30 बजे तक और (बी) सुबह 10 बजे से शाम 6:30 बजे तक।
इस बीच, डीओपीटी ने सभी अधिकारियों व कर्मचारियों को कोविड-उपयुक्त व्यवहार का कड़ाई से पालन करने की सलाह दी है। इसके तहत बार-बार हाथ धोना, सेनिटाइजेशन, फेस मास्क या फेस कवर पहनना और हर समय शारीरिक दूरी का पालन करना शामिल है। कार्यस्थल की विशेष रूप से बार-बार स्पर्श की जाने वाली सतहों की पर्याप्त सफाई और सेनिटाइजेशन को भी सुनिश्चित किया जा सकता है।
डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि डीओपीटी के ओएम के अनुरूप जारी दिशा-निर्देश 31 जनवरी, 2022 तक प्रभावी रहेंगे। हालांकि, इस दौरान समय-समय पर इसकी नियमित समीक्षा की जाएगी और स्थिति को देखते हुए इसके अनुरूप दिशा-निर्देशों को संशोधित किया जा सकता है।