केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने आज लोकसभा में जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक-2021 पर चर्चा का जवाब दिया। अमित शाह ने कहा कि कई सांसदों का मानना है कि इस विधेयक को लाने का मतलब है कि जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा नहीं मिलेगा।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने का इस विधेयक से कोई संबंध नहीं है। उन्होंने कहा कि वे जम्मू-कश्मीर के लोगों से फिर वादा करते हैं कि राज्य का विकास जो रूक गया था, उसके पटरी पर आने के बाद उपयुक्त समय पर जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जायेगा।
गृहमंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को-राजनीति का हिस्सा मत बनाइए। राजनीति करने के लिए बहुत सारी चीज़ें हैं, लेकिन यह देश का संवेदनशील हिस्सा है। उनको कई बार घाव लगे हैं, उनके मन में शंकाएं पड़ी हैं, जिन पर मरहम लगाना इस सदन का काम है।
अमित शाह ने कहा कि जम्मू और कश्मीर हमारे दिल में है। नरेंद्र मोदी सरकार परिपत्रों, क़ानूनों और योजनाओं से नहीं चलती बल्कि भावना से चलती है और हम मानते हैं जम्मू-कश्मीर हमारा है, आप हमारे हो, पूरा देश आपका है और पूरा देश आपके साथ खड़ा है।
गृहमंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर संशोधन विधेयक कोर्ट में है और सर्वोच्च अदालत ने 5 जजों की बेंच बनाई है, आवश्यकता पड़ने पर सरकार अपना पक्ष रखेगी, किंतु इसके कारण सरकार वहां का विकास रोक दे यह उचित नहीं है।
उन्होंने कहा कि अरुणाचल, गोवा और मिजोरम भी राज्य हैं और जहां विशेष प्रकार की भौगोलिक और प्रशासनिक परिस्थिति होती है वहां राज्य के विकास के लिए अधिकारी भेजने पड़ते हैं।
अमित शाह ने एक सदस्य द्वारा उठाए गए सवाल पर कहा कि धर्म के आधार पर सरकारी अधिकारियों की संख्या को बांटना उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि देश भर के अन्य राज्यों में भी आईएएस और आईपीएस अधिकारी हैं, उनसे इन राज्यों के लोकल अधिकारियों का अधिकार नहीं जाता तो जम्मू-कश्मीर में कैसे जाएगा।
उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में कोई बाहर का अफसर नहीं है, सभी देश के अधिकारी हैं। कश्मीर के युवा को भी देश के ऑल इंडिया कैडर में आने का अधिकार है।
अमित शाह ने कहा कि नरेंद्र मोदी की सरकार में देश के फैसले देश की संसद करती है और कोई बाहरी किसी प्रकार का दबाव नहीं बना सकता है। अफवाहों को रोकने के लिए समय की आवश्यकता थी, इसलिए 4G से 2G किया गया। उन्होंने कहा कि सुख, शांति और सलामती से रहना हर नागरिक का सबसे बड़ा अधिकार है। धारा 370 और 35ए टेंम्परेरी एग्रीमेंट था, लेकिन इसे सालों तक चलाया गया।
अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार वोट बैंक की राजनीति से नहीं चलती बल्कि देश हित में फैसले करती है। देश की जनता को 1950 से वादा था कि देश में दो विधान, दो निशान और दो संविधान नहीं रहेंगे और मोदी सरकार ने उसको पूरा किया है।