केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सरकारी कार्यालयों में कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार की रोकथाम के मद्देनजर नई मानक संचालन प्रक्रिया जारी कर दी है। नई एसओपी के अनुसार कोरोना संक्रमण के एक-दो मामले सामने आने पर, केवल उतने ही भाग को सैनिटाइज करना आवश्यक होगा, जहां पिछले 48 घंटे में मरीज की गतिविधियां रही हों।
एसओपी के अनुसार तय नियमों के तहत सैनिटाइज करने के बाद कार्य शुरू किया जा सकता है। वहीं मंत्रालय ने कहा कि अगर कार्यस्थल पर कई मामले सामने आते हैं तो पूरी इमारत अथवा ब्लॉक को सैनिटाइज करने की प्रक्रिया करनी होगी और उसके बाद ही कार्य शुरू किया जा सकता है.
नई एसओपी के अनुसार निषिद्ध जोन में रहने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों को इस बारे में अपने वरिष्ठ अधिकारी को सूचित करना चाहिए और जब तक क्षेत्र निषिद्ध जोन की श्रेणी से बाहर नहीं हो, तब तक कार्यालय नहीं जाना चाहिए। साथ ही ऐसे कर्मचारियों को घर से ही कार्य करने की अनुमति दी जानी चाहिए।
नई एसओपी के अनुसार निषिद्ध जोन के अंतर्गत आने वाले कार्यालय बंद ही रहेंगे। इसके अलावा केवल बिना लक्षण वाले कर्मचारियों और आगंतुकों को ही कार्यालय में आने की अनुमति दी जानी चाहिए।
वहीं कार्मिक मंत्रालय के एक आदेश के अनुसार केंद्र सरकार के सभी कर्मचारियों को कार्य दिवसों में कार्यालय में उपस्थित होने के लिए कहा गया है। आदेश में कहा गया है कि हालांकि निषिद्ध क्षेत्रों में रहने वाले सभी केंद्रीय अधिकारियों और कर्मचारियों को जब तक कार्यालय आने से छूट रहेगी, जब तक कि उनका क्षेत्र निषिद्ध श्रेणी से बाहर नहीं आ जाता।
गौरतलब है कि मार्च में कोरोना महामारी के दौरान जारी एसओपी के तहत अभी तक केवल अवर सचिव और उससे ऊपर के स्तर के अधिकारी ही कार्यालय आ रहे थे। इसके बाद केंद्र सरकार ने विगत मई में उपसचिव के स्तर से नीचे के अपने 50 प्रतिशत कर्मचारियों को अपने कार्यालयों से काम करने के लिए कहा था, जबकि उसने कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के अपने प्रयास के तहत अलग-अलग कार्यालय समय लागू किया था।
लेकिन अब केंद्र सरकार के सभी विभागों के लिए कहा है कि सभी स्तर के सरकारी कर्मचारियों को सभी कार्य दिवसों में कार्यालय में उपस्थित होना है और किसी भी श्रेणी के कर्मचारी को कोई छूट नहीं होगी। इसमें कहा गया है कि अगले आदेश तक बायोमेट्रिक उपस्थिति निलंबित रखी जाएगी। इसमें कहा गया है कि अधिकारी और कर्मचारी जो निषिद्ध क्षेत्रों में रहते हैं, वे घर से काम करेंगे और हर समय टेलीफोन और संचार के इलेक्ट्रॉनिक साधनों के माध्यम से उपलब्ध रहेंगे।
आदेश में कहा गया है कि जब तक संभव हो, बैठकें वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये जारी रहेंगी और आगंतुकों के साथ व्यक्तिगत बैठकों से जब तक कि सार्वजनिक हित में पूरी तरह से आवश्यक न हो, तब तक बचा जा सकता है। कार्मिक मंत्रालय ने एक अन्य आदेश में कहा कि सभी विभागीय कैंटीन खोली जा सकती हैं।