कोयला मंत्रालय के तहत एक नवरत्न कंपनी एनएलसी इंडिया लिमिटेड ने ओडिशा के झारसुगुड़ा जिले में 2,400 मेगावाट क्षमता (3 x 800 मेगावाट-चरण I) की पिट हेड ग्रीन फील्ड थर्मल पावर परियोजना स्थापित करने के लिए आईसीबी रूट के तहत प्रतिस्पर्धी निविदाएं आमंत्रित करने के बाद बीएचईएल को ईपीसी अनुबंध का आवंटन दिया है।
यह परियोजना अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल टेक्नोलॉजी पर आधारित है। 2400 मेगावाट की पूरी बिजली तमिलनाडु, ओडिशा, केरल और पुडुचेरी राज्यों के साथ जुड़ी हुई है और इस आशय के पीपीए पहले ही निष्पादित हो चुके हैं।
अनुबंध के क्षेत्र में 3 X800 मेगावाट- 2400 मेगावाट चरण-I के लिए बॉयलर, टरबाइन, जनरेटर, संयंत्रों का संतुलन, एफजीडी और एससीआर जैसे उपकरणों की इंजीनियरिंग, विनिर्माण, आपूर्ति, निर्माण और कमीशनिंग शामिल है।
इस थर्मल परियोजना के लिए कोयला लिंकेज एनएलसीआईएल की 20 मिलियन टन प्रति वर्ष (एमटीपीए) की मात्रा में तालाबीरा द्वितीय और तृतीय खदानों द्वारा उपलब्ध है, जो वर्ष 2020 से ही ओडिशा के झारसुगुड़ा और संबलपुर जिलों में कार्य कर रहा है। इस परियोजना के लिए आवश्यक पानी हीराकुंड जलाशय से उपलब्ध होगा और बिजली उत्पादन आईएसटीएस और एसटीयू नेटवर्क के माध्यम से होगा।
यह परियोजना पर्यावरण एवं वन मंत्रालय के दिशानिर्देशों को पूरा करने के लिए एफजीडी और एससीआर जैसे नवीनतम प्रदूषण नियंत्रण उपकरणों के साथ शुरू होगी। बायोमास हैंडलिंग सिस्टम के साथ-साथ विद्युत मंत्रालय के दिशानिर्देशों के अनुरूप हरित पहल के हिस्से के रूप में बॉयलरों को बायोमास की सह-फायरिंग के अनुरूप डिजाइन किया जाएगा।
परियोजना की पहली इकाई वित्तीय वर्ष 2028-29 के दौरान शुरू होने के लिए निर्धारित है। चूंकि यह पिट हेड थर्मल परियोजना है, अतः परिवर्तशील लागत प्रतिस्पर्धी होगी और एनएलसी इंडिया द्वारा न्यूतम लागत बिजली उत्पादन किया जाएगा और लाभार्थियों को न्यूनतम लागत बिजली दी जाएगी।