सूरत (हि.स.)। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि अरुणाचल प्रदेश भारत का राज्य है, था और रहेगा। चीन के इसके नाम बदलने से कुछ नहीं होगा। भारतीय सेना एलएसी के उल्लंघन पर मुकाबले को हर तरह से तैयार है।
जयशंकर सोमवार को सूरत के एक होटल में पत्रकारों के साथ चाय पर चर्चा के दौरान उनके सवालों के जवाब दे रहे थे। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पत्रकारों के सवाल में बताया कि भारत विदेश जाने वाले युवाओं के बारे में सजग है। रूस में उनका सेना में किसी रूप से इस्तेमाल करना गलत है। भारत सरकार ने इस संबंध में सख्ती से रूसी दूतावास को जानकारी दी कि नौकरी के नाम पर भारतीय युवाओं का सेना में सीधे या अप्रत्यक्ष रूप से इस्तेमाल नहीं होना चाहिए।
जयशंकर ने कहा कि भारत से रूस गए दो लोगों की मृत्यु की जानकारी सामने आई है। इस मामले में भारतीय दूतावास ने शव लाने की कोशिश की है। इसमें थोड़ी देर हुई है, क्योंकि जहां यह घटना हुई वह स्थल बहुत दूर था। भारत ने रूसी दूतावास के साथ बहुत मजबूती से अपनी बात रखी है। यह बिल्कुल गलत है कि कोई भी देश भारतीय नागरिक को किसी भी रूप में अपने देश की सेना के लिए उपयोग करें। इसमें कुछ बिचौलिये सक्रिय हैं, इस मामले में रशियन सरकार की जिम्मेदारी है कि इसे रोके। भारत से रूस गए अभी 23-24 लोग हैं, इन्हें वापस लाने की कोशिश की जा रही है।
सूरत के डायमंड इंडस्ट्रीज के संबंध में एक सवाल पर विदेश मंत्री ने कहा कि जी-7 और यूरोपियन यूनियन रशियन डायमंड पर प्रतिबंध लगाने की ओर बढ़ रहे हैं। इस मुद्दे पर केन्द्र सरकार की ओर से यूरोपियन यूनियन और जी-7 के अलग-अलग देशों से बात हुई है। उनके समक्ष यह बात रखी गई है कि डायमंड इंडस्ट्री बड़े पैमाने पर लोगों की रोजगार से जुड़ा है। इसे ध्यान में रखते हुए वे नीति बनाए। इस मामले में अभी थोड़ा इंतजार करना होगा। अभी डायमंड का बिजनेस एन्टर्प के अलावा दूसरी जगहों पर भी शिफ्ट हुआ है।
जर्मनी में एक भारतीय बच्ची को वापस लाने में देरी होने के सवाल पर एस जयशंकर ने कहा कि सरकार इसका प्रयास कर रही है। यह कोर्ट से जुड़ा मामला, इस वजह से इसमें समय लग रहा है। साथ ही यह भी प्रयास हो रहा है कि वह जर्मनी में ही अपनी मूल संस्कृति से जुड़े रहे। पारिवारिक लड़ाई में बच्ची अभी जर्मनी में बालाश्रम में रह रही है।
सरकार दे रही है प्रोटेक्शन
एस जयशंकर ने कहा कि विदेश जाने वाले युवाओं के लिए केन्द्र सरकार ने जर्मनी, ऑस्ट्रिया, इटली, पुर्तगाल और जापान के साथ कुछ क्षेत्र में मोबिलिटी एग्रीमेंट किया गया है। इसके तहत देश के युवाओं को केन्द्र सरकार प्रोटेक्शन देती है, ताकि युवाओं के साथ विदेशों में गैरकानूनी, कम वेतन, सोशल सिक्युरिटी कम हो या खतरनाक किस्म के कामों में जॉब नहीं दिया जाए। आजकल ग्लोबल वर्क प्लेस बन रहा है, जिसमें हमारे टैलेंट, स्किल की मांग है।
उन्होंने कहा कि विकसित देशों के अलावा खाड़ी देशों में भारतीय युवा नौकरी के लिए जाते हैं। उनके प्रोटेक्शन के लिए भी सरकार ने कई कदम उठाए हैं। इंडियन कम्युनिटी वेलफेयर फंड भी बनाया गया है ताकि यदि वे बाहर फंस जाए, कोई समस्या हो जाए तो मदद की जा सके। पिछले साल संघर्ष के दौरान सूडान और इजराइल में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए ऑपरेशन कावेरी और ऑपरेशन विजय चलाया गया था।