अपना काम निकालना सरकारी अफसर बखूबी जानते हैं। अपने मातहत कर्मियों से ड्यूटी टाइम से अधिक समय तक और अन्य कार्यों को कराने की कला में माहिर अफसर जब प्रतिफल देने का समय आता है तो कन्नी काट जाते हैं।
ऐसा ही कुछ हाल जबलपुर के विद्युत अधिकारियों का है। जहां लाइनमैनों से तो तय समय से अधिक कार्य कराया जा रहा है, लेकिन जब विद्युत कर्मी अपने ही हक़ मांगते हैं तो अधिकारियों की बहानेबाजी शुरू हो जाती है, ऐसे में कर्मियों को अपना हक लड़कर लेना पड़ता है।
मध्य प्रदेश विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव हरेन्द्र श्रीवास्तव ने बताया कि विजय नगर संभाग के कार्य पालन अभियंता विवेक जसेले से तकनीकी कर्मचारियों की लंबित समस्याओं को निराकरण करने हेतु बैठक का आयोजन किया गया था।
इस बैठक में एक वर्ष से तकनीकी कर्मचारियों को 9 एक्स्ट्रा वेजेस एवं नाइट अलाउंस एवं प्रास्क का भुगतान नहीं होने पर चर्चा कर शीघ्र भुगतान कराए जाने की मांग की गई।
इसके अलावा ये भी बताया गया कि लाइनमैनों के पास हैंड ग्लव्स, बांस की सीढ़ी, टेस्टर, झुला, वर्दी, रबर एंकल शूज़, टूल बैग, हेलमेट आदि पर्याप्त मात्रा में नहीं हैं।
वहीं पोल बॉक्स, डिस्ट्रिब्यूशन बॉक्स, एबी स्विच, टावर गाड़ी में लगी सीढ़ी में सुधार किया जाए, शिकायत पुस्तिका, परिचय पत्र, चिकित्सा पुस्तिका बनाई जाए आदि माँगों पर चर्चा की गई।
संघ के अजय कश्यप, अरुण मालवीय, महेश पटेल, कमलेश नामदेव, राजू नायडू, कमल कुमार सैनी, धर्मेंद्र मोरे, भाग चंद्र यादव, आनंद गिरि गोस्वामी, हीरा लाल कोल आदि के द्वारा मांग की गई हे की एक वर्ष से पेंडिंग एक्स्ट्रा वेजेस, नाइट अलाउंस, सुरक्षा उपकरण आदि नहीं दिये गये हैं। सभी मांगों के शीघ्र निराकरण की मांग कार्यपालन अभियंता से की है।