Wednesday, December 18, 2024
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तीन सालों में दुनिया का सबसे आधुनिक एवं वैज्ञानिक होगा हमारा क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम: अमित शाह

शिलांग (हि.स.)। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा है कि हमारे क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम को 21वीं सदी में ले जाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में जो तीन नए कानून लाए गए हैं, इनके नोटिफाई होने के बाद तीन सालों में हमारा क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम पूरी दुनिया का सबसे आधुनिक और वैज्ञानिक क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम होगा। अमित शाह आज शिलांग में पूर्वोत्तर परिषद (एनईसी) की 71वें प्लेनरी सत्र को संबोधित कर रहे थे l

गृह मंत्री ने कहा कि एनईसी ने अपनी स्थापना के 50 साल में पूर्वोत्तर के सभी राज्यों को नीति विषयक प्लेटफॉर्म देकर इस क्षेत्र के विकास की गति को बढ़ाने और उनकी समस्याओं के समाधान को सरल बनाने का काम किया है। इन 50 वर्षों में इस क्षेत्र में लगभग 12 हजार किलोमीटर से अधिक लंबी सड़कों का निर्माण हुआ है। सात सौ मेगावॉट बिजली संयंत्रों की स्थापना हुई है। राष्ट्रीय प्रतिभा के कई संस्थानों की स्थापना का काम भी एनसी के मार्गदर्शन में हुआ है।

अमित शाह ने कहा कि मोदी के नेतृत्व में एक्ट ईस्ट नीति के तहत एनसी की भूमिका और दायरे को बढ़ाने का काम किया गया है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में मोदी सरकार ने इस क्षेत्र में कानून-व्यवस्था, उग्रवाद और सीमाओं की समस्याओं के निवारण में महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है। इसके साथ ही नॉर्थ ईस्टर्न स्पेस एप्लीकेशंस सेंटर (एनईएसएसी) का उपयोग कर प्रशासन में तकनीक के उपयोग को भी बढ़ावा देने का काम किया गया है। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर की भाषा, संस्कृति, खानपान, वेषभूषा और प्राकृतिक सुंदरता से वैश्विक पर्यटन में इस क्षेत्र को बहुत बढ़ावा मिलेगा।

गृह मंत्री शाह ने कहा कि 2016 में जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एनसी की प्लेनरी बैठक में आए थे, तब 40 साल बाद पहली बार देश का प्रधानमंत्री इस बैठक की अध्यक्षता कर रहा था। इसके बाद मोदी जी ने पिछले 10 वर्षों में 50 से अधिक बार यहां आकर पूरे देश के सामने सरकार की प्राथमिकता स्पष्ट करने का काम किया। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय मंत्री भी पांच सौ से अधिक बार यहां आए हैं। केन्द्र सरकार ने अपनी पूरी क्षमता के साथ पूर्वोत्तर के अभिमान, भाषाओं, संस्कृति, साहित्य, संगीत, वेशभूषा और खानपान को न सिर्फ समृद्ध किया, बल्कि पूरे भारत को इसे जानने का मौका देने का काम भी किया है।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार ने पिठले 10 सालों में नॉर्थईस्ट में शांति और स्थिरता प्रस्थापित करने के लिए भी कई कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि आज एनसी की ईयरबुक-2024 का विमोचन भी हुआ है। शाह ने सभी राज्यों से ग्रॉस फिसकल डेफिसिट को नियंत्रित करने का आग्रह किया और कहा कि मणिपुर, असम, नगालैंड और त्रिपुरा ने इस दिशा में अच्छा प्रयास किया है।

केन्द्रीय गृहमंत्री ने कहा कि नॉर्थईस्ट में 2004 से 2014 में 11 हजार 121 हिंसक घटनाएं हुई थीं, जो 2014 से 2023 में 73 प्रतिशत गिरावट के साथ तीन हजार 114 रह गईं। सुरक्षाबलों की मृत्यु की घटनाएं 71 प्रतिशत घटकर 458 से 132 रह गईं। नागरिकों की मृत्यु में 86 प्रतिशत की कमी आई है। उन्होंने कहा कि विद्रोह की घटनाओं में कमी आई है, क्योंकि विगत 5 वर्षों में उग्रवादी समूहों के 89 सौ से अधिक कैडर सरेंडर कर मेनस्ट्रीम में आए हैं और उन्होंने पूरे देश को यह संदेश दिया है कि शांति और समृद्धि एक दूसरे के साथ जुड़े हैं और इनके बिना राज्यों का विकास नहीं हो सकता। शाह ने कहा कि पूर्वोत्तर में शांति और स्थिरता लाने के लिए मोदी सरकार ने 9 समझौते किए हैं और इनके माध्यम से कानून-व्यवस्था से संबंधित कई लंबित मुद्दों को हल करने का काम किया गया है। उन्होंने कहा कि असम और मणिपुर के कुछ हिस्सों को छोड़कर 2018 में आफ्सपा के तहत आने वाले क्षेत्रों में से 75 प्रतिशत क्षेत्र को इससे मुक्त कर दिया गया है।

अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने नॉर्थईस्ट के लिए वर्ष 2022-23 से 2025-26 के लिए 4 हजार 800 करोड़ रुपये का आवंटन किया है और बजट में लगभग 162 प्रतिशत की वृद्धि की है। 10 प्रतिशत ग्रॉस बजेट्री सपोर्ट योजना ने पूर्वोत्तर के विकास को बहुत फायदा पहुंचाया है। प्राइम मिनिस्टर्स डेवलपमेंट इनीशिएटिव फॉर नॉर्थ ईस्टर्न रीजन (पीएम डिवाइन) में 2022-23 में 15 सौ करोड़ रुपये और 2025-26 के लिए 6 हजार 600 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। कृषि के लिए अंतरमंत्रालयी टास्क फोर्स बनी है, राष्ट्रीय रोपवे विकास कार्यक्रम के तहत 8 रोपवे का काम शुरू किया गया है। डोनर मंत्रालय के बजट में 153 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन के तहत पाम आयल को प्राथमिकता देने के लिए सिर्फ नॉर्थईस्ट में 234 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। इसके साथ ही पूर्वोत्तर की विशेष बुनियादी ढांचा विकास योजना के तहत 1713 करोड़ की 32 परियोजनाओं को मंज़ूरी दी गई है। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर विकास वित्त निगम की उपलब्धियों में 1 जनवरी 2023 से दिसंबर 2023 तक 5 हजार 490 करोड़ रुपये की यौजनाएं मंज़ूर की गई हैं। संभव योजना के तहत 8 राज्यों के 42 ज़िलों की 75 ग्राम पंचायतों और परिषदों को बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने का काम हो रहा है।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि हमें एनईएसएसी का उपयोग बढ़ाना चाहिए। साथ ही आपदा, जल प्रबंधन और एडमिनिस्ट्रेशन को लोकाभिमुख और आधुनिक बनाने के लिए इसका उपयोग किया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने नॉर्थईस्ट में इन्फ्रास्ट्रक्चर एक्सपेंशन भी किया है। पूर्वोत्तर में पिछले 10 सालों में रेलवे में 81 हजार करोड़ रुपये, सड़क संपर्क में 48 हजार करोड़ रुपये और भारत माला परियोजना के तहत 5 हजार 196 किलोमीटर लंबी सड़कों का निर्माण मोदी सरकार ने किया है। उड़ान योजना के तहत 8 नए हवाई अड्डों का निर्माण हुआ है और 71 नए हवाई मार्ग शुरू किए गए हैं।

शाह ने कहा कि ऑर्गेनिक उत्पाद, डेयरी फार्मिंग, फिशिंग और अंडों के उत्पादन में अगर नॉर्थइस्ट आत्मनिर्भर बनता है तो सिर्फ इन 4 क्षेत्रों में ही 13 लाख लोगों को रोज़गार मिल सकता है। उन्होंने कहा कि सिर्फ क्षेत्र का विकास ही पर्याप्त नहीं है बल्कि क्षेत्र के साथ व्यक्ति का भी विकास होना चाहिए, इसके लिए औद्योगिक उत्पादन और कृषि ही विकल्प हैं। शाह ने कहा कि जब भारत पांच ट्रिलियन डॉलर वाली अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है, ऐसे में नॉर्थईस्ट को भी इस प्रयास में अपना सिंह भाग देने का लक्ष्य तय करना चाहिए। जब 2047 में पूरा भारत संपूर्ण विकसित और आत्मनिर्भर बने, तब हमारा नॉर्थईस्ट भी संपूर्ण विकसित और आत्मनिर्भर हो।

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