बिजली कंपनी के जीर्ण-शीर्ण हो चुके इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ बिजली कर्मियों को अपनी जान हथेली पर लेकर काम करना पड़ता है। वहीं बिजली कंपनी के लिए अपनी जान तक दांव पर लगाने वाले आउटसोर्स कर्मियों को कंपनी प्रबंधन अपना कर्मी तक नहीं मानता, यही वजह है कि ठेकेदार से शोषित आउटसोर्स कर्मी कंपनी प्रबंधन के परायेपन के कारण कंपनी के लिए कार्य करते हुए गंभीर रूप से घायल होने पर भी इलाज से वंचित रह जाते हैं और उन्हें किसी प्रकार की आर्थिक सहायता नहीं मिल पाती।
मध्य प्रदेश विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव हरेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि मध्य प्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के जबलपुर ग्रामीण सर्किल के अंतर्गत पाटन संभाग के कार्यपालन अभियंता कार्यालय के अंतर्गत बोरिया डीसी में कार्यरत आउटसोर्स कर्मी अरविंद पूरी गोस्वामी कार्य के दौरान हुए हादसे में गंभीर रूप से घायल हो गया।
हरेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि बोरिया डीसी के जूनियर इंजीनियर के द्वारा 20 अप्रैल 2024 को दो आउटसोर्स कर्मी अरविंद पुरी गोस्वामी एवं रोहित गर्ग को भरतरी गांव में 11 केवी लाइन के टूटे तार को जोड़ने का कार्य सौंपा गया था। दोनों आउटसोर्स कर्मी विद्युत पोल पर चढ़कर 11 केवी लाइन में सुधार कार्य कर रहे थे, अचानक सीमेंट का पोल नीचे से टूट गया।
विद्युत पोल के टूटते ही दोनों आउटसोर्स कर्मी पोल सहित जमीन पर आ गिरे। इस हादसे में आउटसोर्स कर्मी अरविंद पुरी गोस्वामी को माथे एवं बाएं हाथ में गंभीर चोट आई है, वहीं दूसरा आउटसोर्स कर्मी इस हादसे में बच गया। अरविंद पुरी गोस्वामी को उसके सहयोगियों ने तत्काल जबलपुर के निजी अस्पताल में लाकर भर्ती कर दिया। डॉक्टर के द्वारा उपचार करने पर बताया गया कि बाएं हाथ के कंधे की हड्डी में फैक्चर हो गया है और माथे में लोहे का क्लैंप लगने की वजह से कट गया है, माथे में चार टांके लगाए गए हैं।
संघ के अजय कश्यप, मोहन दुबे, राजकुमार सैनी, लखन सिंह राजपूत, विनोद दास, शशि उपाध्याय, महेश पटेल, इंद्रपाल सिंह, अरुण मालवीय, दशरथ शर्मा, ख्याली राम, राम शंकर कटारिया आदि ने बिजली कंपनी प्रबंधन से आउटसोर्स कर्मी का उपचार कराए जाने के लिए ठेकेदार को आदेश देने की मांग की है।