देश में विकसित की गई एक नई पीजोइलेक्ट्रिक पॉलीमर नैनोकंपोजिट सामग्री दबाव संवेदन और ऊर्जा संचयन एप्लिकेशनों के लिए उपयोगी हो सकती है।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के स्वायत्त संस्थान सेंटर फॉर नैनो एंड सॉफ्ट मैटर साइंसेज (CENS) के शोधकर्ताओं ने राष्ट्रीय रासायनिक प्रयोगशाला (CSIR-NCL), पुणे के वैज्ञानिकों के साथ मिलकर पीजोइलेक्ट्रिक पॉलीमर नैनोकंपोजिट आधारित एक सुरक्षा चेतावनी प्रणाली विकसित की है। यह विकास इस खोज पर आधारित था कि धातु ऑक्साइड नैनोमटेरियल उपयुक्त क्रिस्टल संरचना और सतह गुणों के साथ जब पॉलीमर कंपोजिट में फिलर के रूप में उपयोग किए जाते हैं तो पीजोइलेक्ट्रिक प्रतिक्रिया में महत्वपूर्ण वृद्धि होती है।
आज के विश्व में सहज उपलब्ध स्रोतों से ऊर्जा सृजन और संचयन महत्वपूर्ण है। यांत्रिक ऊर्जा एक प्रचुर और आसानी से सुलभ स्रोत है जिसे विभिन्न तकनीकों के माध्यम से विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित किया जा सकता है। इन तकनीकों में संपर्क विद्युतीकरण/ट्राइबोइलेक्ट्रिक प्रभाव तथा पीजोइलेक्ट्रिक प्रभाव शामिल हैं। लचीले, पोर्टेबल, स्थायी और धारणीय सेंसर एवं ऊर्जा संचयन उपकरण आजकल महत्वपूर्ण हैं। पॉलीमर और नैनोपार्टिकल्स (नैनोकण) वर्तमान लचीले इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम में प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं।
सेंटर फॉर नैनो एंड सॉफ्ट मैटर साइंसेज (CENS), बेंगलुरु तथा नेशनल केमिकल लेबोरेटरी (CSIR-NCL), पुणे के वैज्ञानिकों की एक टीम ने प्रेशर सेंसिंग और ऊर्जा संचयन एप्लिकेशनों के लिए एक पॉलीमर नैनोकम्पोजिट सामग्री सफलतापूर्वक तैयार की है। शोधकर्ताओं ने दो जिरकोनिया-आधारित धातु-कार्बनिक ढांचे (यूआईओ-66 और यूआईओ-67) को संश्लेषित किया, जिन्हें उनके क्रिस्टलोग्राफिक चरणों, अर्थात् मोनोक्लिनिक और टेट्रागोनल चरणों पर उत्कृष्ट नियंत्रण के साथ जिरकोनिया नैनोकणों में परिवर्तित किया गया था।
पॉलीमर नैनोकम्पोजिट फिल्मों को तब इन नैनोपार्टिकल्स (नैनोकणों) को विभिन्न क्रिस्टल संरचनाओं के साथ एक प्रसिद्ध पीजोइलेक्ट्रिक पॉलीमर, पॉली (विनाइलिडीन डाइफ्लोराइड) (पीवीडीएफ) में शामिल करके फैब्रीकेट किया गया था। शोधकर्ताओं की टीम ने एक पीजोइलेक्ट्रिक ऊर्जा पैदा करने वाले जिरकोनिया-पीवीडीएफ कम्पोजिट पर जिरकोनिया मोनोपार्टिकल्स के अलग-अलग क्रिस्टल संरचनाओं के प्रभाव का मूल्यांकन किया और देखा कि नैनोफिलर्स की सतह विशेषताओं और क्रिस्टल संरचना का पॉलीमर मेटेरियल के पीजोइलेक्ट्रिक गुणों में महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है।
यूआईओ-66 से उत्पादित मोनोक्लिनिक ज़िरकोनिया नैनोपार्टिकल्स के साथ पॉलीमर नैनोकम्पोजिट ने अन्य डेरिवेटिव से बेहतर प्रदर्शन किया तथा शुद्ध पॉलीमर की तुलना में अधिक पीजोइलेक्ट्रिक आउटपुट दिखाया।
इसके अतिरिक्त एक एंड्रॉइड एप्लिकेशन से समर्थित वायरलेस, ब्लूटूथ-आधारित सुरक्षा चेतावनी प्रणाली का एक प्रयोगशाला-स्तरीय डिमॉन्स्ट्रेशन किया गया था, जिसमें ऊर्जा पैदा करने वाले और सुरक्षा चेतावनी पेवमेंट इकाई के रूप में फैब्रीकेट किये गए प्रोटोटाइप का उपयोग किया गया था।
सुरक्षा पेवमेंट प्रोटोटाइप एक कक्ष में स्थापित किया गया था। जब भी कोई अवांछित प्रवेश होता है, पीजोइलेक्ट्रिक पेवमेंट कदमों (यांत्रिक से विद्युत ऊर्जा रूपांतरण) के कारण वोल्टेज उत्पन्न करता है। इसने सुरक्षा प्रणाली को सक्रिय किया और ब्लूटूथ मॉड्यूल ने वायरलेस कम्युनिकेशन को संबंधित स्क्रीन पर भेज दिया। सिस्टम में इसे प्रदर्शित करने के लिए एक एंड्रॉइड फोन-आधारित ऐप का उपयोग किया गया था। एक टच सेंसर के अतिरिक्त प्रोटोटाइप का उपयोग यांत्रिक ऊर्जा इनपुट से विद्युत ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए भी किया जा सकता है।
यह अध्ययन पीवीडीएफ-मोनोक्लिनिक ZrO2 नैनोपार्टिकल नैनोकंपोजिट को मान्य बनाता है, जो लचीला, स्थायी ऊर्जा उत्पादन और दबाव-संवेदन एप्लिकेशनों के लिए एक उत्कृष्ट मूल्य संवर्धन होगा। यह कार्य हाल ही में अमेरिकन केमिकल सोसाइटी जर्नल एसीएस-एप्लाइड नैनो मटेरियल में प्रकाशित हुआ था। यह अध्ययन इंस्पायर-फैकल्टी फेलोशिप कार्यक्रम के अंतर्गत विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा वित्त पोषित एक सतत परियोजना “मेटेरियल्स फॉर सेल्फ पॉवर्ड एनर्जी जनरेटिंग एंड प्रेशर सेंसिंग” का हिस्सा है।
पद्धतिगत परीक्षण और क्रिस्टल संरचना संशोधन निस्संदेह पीवीडीएफ आधारित पॉलीमर नैनोकंपोजिट की पीजोइलेक्ट्रिक क्षमताओं को अंतर्निहित तंत्र की बेहतर समझ के लिए द्वार खोलेंगे।
प्रकाशन विवरण: डीओआई: https://doi.org/10.1021/acsanm.3c04730