प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज गांव लौटे प्रवासी मज़दूरों को रोजगार मुहैया कराने के लिए गरीब कल्याण रोजगार अभियान का शुभारम्भ किया। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा आज वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से ग्राम तेलीहर, विकासखंड बेलदौर, जिला खगड़िया बिहार से शुरू किए गए इस अभियान में 6 भागीदार राज्यों के मुख्यमंत्रियों और प्रतिनिधियों, विभिन्न केन्द्रीय मंत्रियों और अन्य ने भाग लिया।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि गरीबों और प्रवासियों के कल्याण को लेकर केन्द्र तथा राज्य सरकारें दोनों ही चिंतित रही हैं। उन्होंने कहा कि पीएम गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत आत्म निर्भर भारत अभियान को 1.75 लाख करोड़ रुपये के पैकेज के साथ शुरू किया गया है। प्रधानमंत्री ने इस दिन को रोजगार के माध्यम से गरीबों के कल्याण के लिए शुरू किए गए व्यापक अभियान के रूप ऐतिहासिक दिन करार दिया।
उन्होंने कहा कि यह अभियान हमारे मजदूर भाइयों और बहिनों, हमारे गांवों में रह रहे युवाओं, बहिनों और बेटियों के लिए समर्पित है। उन्होंने कहा कि इस अभियान के माध्यम से हमारा प्रयास है कि मजदूरों और कामगारों को उनके घर के निकट ही काम दिया जाए।
प्रधानमंत्री ने घोषणा की कि गरीब कल्याण रोजगार अभियान के अंतर्गत टिकाऊ बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए 50,000 करोड़ रुपये की धनराशि खर्च की जाएगी।
उन्होंने कहा कि गांवों में रोजगार, विविध कार्यों के विकास के लिए 25 कार्य क्षेत्रों की पहचान की गई है। ये 25 कार्य या परियोजनाएं गरीबों के लिए ग्रामीण आवास, पौधारोपण, जल जीवन मिशन के माध्यम से पेयजल के प्रावधान, पंचायत भवन, सामुदायिक शौचालय, ग्रामीण मंडी, ग्रामीण सड़कें, मवेशी घर जैसे अन्य बुनियादी ढांचे, आंगनवाड़ी भवन आदि से संबंधित हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अभियान से ग्रामीण क्षेत्रों को आधुनिक सुविधाएं भी मिलेंगी। उन्होंने कहा कि युवाओं और बच्चों की सहायता के लिए हर ग्रामीण घर को हाई स्पीड और सस्ता इंटरनेट बड़ी आवश्यकता है। प्रधानमंत्री ने कहा, यह पहली बार है कि शहरी क्षेत्रों की तुलना में ग्रामीण इलाकों में ज्यादा इंटरनेट उपयोग हो रहा है। इसलिए, फाइबर केबल बिछाने और इंटरनेट उपलब्ध कराने को भी इस अभियान में शामिल किया गया है। ये कार्य अपने गांव और अपने परिवार के साथ रहते हुए किए जाएंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के लिए आत्मनिर्भर किसान समान रूप से आवश्यक है। उन्होंने कहा कि सरकार ने अनचाहे नियमों और शर्तों को हटाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है, जिससे किसान देश के किसी भी हिस्से में मुक्त रूप से अपनी उपज को बेच सकें और फसल का बेहतर मूल्य देने वाले व्यापारियों से प्रत्यक्ष रूप से जुड़ सकें।
125 दिन का यह अभियान मिशन के रूप में काम करेगा, इसमें 116 जिलों में 25 श्रेणी के कार्यों व गतिविधियों के कार्यान्वयन पर ध्यान केन्द्रित होगा, इसमें 6 राज्यों बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, झारखंड और ओडिशा में लौटने वाले प्रवासी कामगारों पर ज्यादा जोर होगा। इस अभियान के दौरान कराए गए सार्वजनिक कार्यों के लिए 50,000 करोड़ रुपये के संसाधन निर्धारित होंगे।