प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ‘ई-रुपी’ लॉन्च किया जो सही अर्थों में व्यक्ति-विशिष्ट और उद्देश्य-विशिष्ट डिजिटल पेमेंट सॉल्यूशन है। ‘ई-रुपी’ दरअसल डिजिटल पेमेंट के लिए एक कैशलेस और संपर्क रहित साधन है।
आयोजन के दौरान संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘ई-रुपी’ वाउचर देश में डिजिटल ट्रांजैक्शन में डीबीटी को और भी अधिक प्रभावकारी बनाने में बड़ी भूमिका निभाएगा एवं डिजिटल गवर्नेंस को एक नया आयाम देगा। इससे लक्षित, पारदर्शी और लीकेज मुक्त वितरण में सभी को बड़ी मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा कि ई-रुपी’ इस बात का प्रतीक है कि भारत किस तरह से लोगों के जीवन को प्रौद्योगिकी से जोड़कर आगे बढ़ रहा है। उन्होंने इस बात पर भी प्रसन्नता व्यक्त की कि यह भविष्यवादी या अत्याधुनिक सुधार पहल ऐसे समय में की गई है जब देश आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर ‘अमृत महोत्सव’ मना रहा है।
उन्होंने कहा कि सरकार के अतिरिक्त, अगर कोई संगठन किसी के इलाज, शिक्षा या अन्य किसी काम में सहायता करना चाहता है तो वह नकद की जगह ई-रुपी वाउचर देने में सक्षम होगा। इससे यह सुनिश्चित होगा कि उसके धन का उपयोग उस काम के लिए ही किया गया है, जिसके लिए रकम दी गई थी।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पिछले 6-7 वर्षों में देश में डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर और डिजिटल लेन-देन के लिए किए गए कार्यों के प्रभाव को पूरा विश्व स्वीकार कर रहा है। उन्होंने आगे कहा, खास तौर पर भारत में, फिनटेक का बहुत व्यापक आधार तैयार हुआ है, जो यहां तक कि विकसित देशों में भी नहीं है।