प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि भारत के साथ ही अन्य देशों में भी कोरोना से बचाव की वैक्सीन के लिए पूरे प्रयास हो रहे हैं। यह कार्य आखिरी दौर में है। भारत जो भी वैक्सीन देगा वो वैज्ञानिक कसौटी पर खरी होगी और इसके उपयोग की देशव्यापी व्यवस्था होगी।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश में गत कुछ महीने से कोरोना की चुनौती से निपटने के लिए केन्द्र सरकार ने भरसक प्रयास किए हैं। राज्यों द्वारा भी सजग और सक्रिय रहकर कोरोना से बचाव, रोगियों के उपचार और भविष्य की स्थिति के संबंध में अच्छा कार्य किया गया। हम आपदा के गहरे समंदर से निकलकर किनारे की तरफ बढ़ रहे हैं। लेकिन सावधानी अभी भी आवश्यक है।
प्रधानमंत्री मोदी आज कोविड-19 वैक्सीन वितरण और उसके प्रशासन के संबंध में राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कान्फ्रेंस द्वारा चर्चा कर रहे थे। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रधानमंत्री श्री मोदी को मध्यप्रदेश में की गई तैयारियों की जानकारी दी।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जब कोरोना शुरू हुआ कुछ देशों में समस्या बहुत गंभीर थी। विशाल जनसंख्या वाले भारत देश में हमारा प्रयास था कि कम से कम नुकसान हो। इसमें सफलता भी मिली है। सभी को जागरूक होना होगा, ढिलाई बिल्कुल न हो, वैक्सीन आने में देर नहीं है लेकिन तब तक सभी सावधानियों का पालन करना ही है। वैक्सीन निर्माण के संदर्भ में भारत सरकार निरंतर नजर रखे हुए है। वैक्सीन आने के पश्चात किसे कितना डोज़ देना होगा, यह तय नहीं है। हमें वैश्विक संदर्भ में आगे बढ़ना होगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि त्यौहारों के पहले भी मैंने अपने संदेश में कहा था कि कहीं ढिलाई खतरा न बने, सभी सजग रहें। भय समाप्त होने से लापरवाही बढ़ने की स्थिति बनती है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमने चार चरण में कोरोना की स्थिति देखी है। प्रथम चरण में भय था। द्वितीय चरण में भय के साथ संदेह भी जुड़ गया। घर के सदस्यों से भी संक्रमण का भय होता था। इसके साथ ही लोग संक्रमण की बात छिपाने भी लगे थे। तृतीय चरण में समस्या को स्वीकार कर लोग संभलने लगे। अब चौथे चरण में काफी गंभीर और सजग हो गए हैं।
उन्होंने कहा कि रिकवरी रेट बढ़ने से लापरवाही नहीं बढ़ना चाहिए। टेस्टिंग की सुविधा का उपयोग करते हुए पॉजीटिविटी रेट को कम करना है। आइसोलेशन रोगियों की निरंतर मॉनीटरिंग, वैक्सीन के लिए सप्लाई व्यवस्था और जागरूकता अभियान में कोई कमी नहीं होना चाहिए। एक भी मृत्यु कहीं होती है तो उसके कारणों तक पहुंचना है। कोरोना से लड़ाई में प्रारंभ से एक-एक व्यक्ति को बचाने का प्रयास है। यह हमारा संकल्प भी है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि टीकाकरण अभियान का कार्य काफी लंबा चलेगा। इसके लिए टीम भावना से कार्य करना होगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि राज्यों से वैक्सीन की वितरण व्यवस्था पर आज सुझाव मांगे गए हैं। इन सुझावों के आधार पर अमल भी किया जाएगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने राज्यों से अपेक्षा की कि वैक्सीन के वितरण के कार्य को सुचारू रूप से सम्पन्न किया जाएगा। उन्होंने राज्यों से लिखित रूप में भी शीघ्र ही सुझाव भेजने का अनुरोध किया।
प्रधानमंत्री मोदी उन 8 राज्यों की स्थिति भी जानी जहां अभी भी कोरोना की समस्या अधिक गंभीर है। प्रधानमंत्री मोदी ने उन राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बात भी सुनी। इन राज्यों में दिल्ली, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, केरल, गुजरात, हरियाणा, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र शामिल है।
प्रारंभ में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि अब तक यह लड़ाई सफलतापूर्वक लड़ी गई है। परिणाम भी अच्छे मिले हैं। जनता ने भी लड़ाई लड़ी है। सर्दी बढ़ने से और उत्तर भारत में प्रदूषण बढ़ने से जो समस्या आ रही है, वो चिंता का विषय बन सकती है। हम सभी सचेत हों, त्योहारों से भी कुछ संक्रमण बढ़ा है। बारीक एनालिसिस करें तो यह भी देखने को मिलता है कि जागरूकता में कमी आई है। इस मामले में ढिलाई दूर करनी होगी।
उन्होंने कहा कि घटती मृत्यु दर भी मनोवैज्ञानिक रूप से लोगों का भय दूर करती है, इससे जागरूकता में भी कमी आती है, अनलॉक में गतिविधियां हों पर हम सावधानियों का पालन करें तो समस्या नहीं बढ़ेगी। श्री अमित शाह ने कहा कि कंटेनमेंट जोन का पुनर्निर्धारण, फेस मास्क के उपयोग, हाथ स्वच्छ रखने बार-बार धोने, दो गज की दूरी और एप्स के उपयोग के प्रति जागरूकता आवश्यक है।
गृह मंत्री ने कहा कि राज्यों के मुख्यमंत्रियों से अनुरोध किया कि दिशा निर्देशों के पालन के प्रति प्रशासन को सक्रिय करें टेस्टिंग कम ना हो कठोरता से नियमों का पालन हो सावधानी का संस्कार बना रहे।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रधामनंत्री श्री मोदी को जानकारी दी कि मध्यप्रदेश में कोरोना वैक्सीन आने के बाद वितरण व्यवस्था को सुचारू ढंग से लागू किया जाएगा। वैक्सीन आने पर परिवहन व्यवस्था ड्राई स्टॉक, कोल्ड चैन स्पेस, नवीन कोल्ड चैन फोकल प्वाइंट का विस्तार, मॉनिटरिंग, वैक्सीनेटर्स के प्रशिक्षण का कार्य व्यापक पैमाने पर किया जाएगा। वर्तमान में भी स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण दिया जा चुका है।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि राज्य में टीकाकरण कार्य सुचारू रूप से किया जाएगा। इसकी आवश्यक तैयारियां की जा रही हैं। राज्य संचालन समिति बनाई जा चुकी है। यह समिति मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बनाई गई है। जिला टास्क फोर्स भी बना दिए गए हैं। ब्लॉक स्तर पर भी टास्कफोर्स गठित होंगे।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि टीकाकरण कार्य में समाज को भी शामिल किया जाएगा। सामाजिक संगठन जैसे एनसीसी, एनएसएस और युवाओं का सहयोग लिया जाएगा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि कोरोना से बचाव की वैक्सीन प्राथमिकता से किन लोगों को लगाई जाए, यह भारत सरकार द्वारा प्राप्त दिशा निर्देशों के अनुरूप किया जाएगा।
प्रारंभ में नीति आयोग के डॉ वीके पाल ने वैक्सीन की उपलब्धता के संबंध में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वैक्सीन के लिए व्यवस्थाएं उम्मीद बांधने वाली है। भारत इस दिशा में सक्रिय है। वितरण की पारदर्शी व्यवस्था की जाएगी।
उन्होंने बताया कि विदेश स्तर पर और भारत के स्तर पर विभिन्न कंपनियां वैक्सीन विकसित करने के लिए प्रयासरत हैं। भारत सरकार द्वारा प्राथमिकतापूर्वक हाईरिस्क वालों को वैक्सीन देने का कार्य प्रस्तावित है। इसके संबंध में क्रियान्वयन के स्तर पर नेशनल एक्सपर्ट ग्रुप के परामर्श से कार्य होगा।
उन्होंने कहा कि मोटे तौर पर अभी प्राथमिकता क्रम में सर्वप्रथम फ्रंटलाइन वर्कर्स , 65 वर्ष सेअधिक आयु के व्यक्ति और इसके पश्चात 65 वर्ष से कम आयु के रोगियों को वैक्सीन देना प्रस्तावित है। प्रोविजनल प्रायोरिटी ग्रुप में करीब 30 करोड़ लोग शामिल हैं।
उन्होंने जानकारी दी कि जनभागीदारी और प्रशिक्षण की व्यवस्थाएं हो रही हैं। इलेक्शन बूथ की तरह दल गठित कर एकत्र होकर अधिकारी-कर्मचारी कार्य करेंगे। खण्ड स्तरीय योजना बनाई जाएगी। निजी और शासकीय डॉक्टर्स को विशेष जिम्मा रहेगा। भंडारण व्यवस्था, कम्युनिकेशन और समीक्षा एवं समन्वय के स्तर पर निरंतर कार्य हो रहा है।