मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि यह संकल्प पत्र प्रदेश के लिए प्रधानमंत्री श्री मोदी जी की गारंटी है। उन्होंने सभी विभागों को संकल्प पत्र-2023 के अनुसार संकल्पों और घोषणाओं के क्रियान्वयन के लिए सात दिन में रोड मेप बनाने के निर्देश दिए हैं। यह मध्यप्रदेश के भविष्य का विजन है। इसका क्रियान्वयन मिशन मोड में करें। संकल्प पत्र-2023 की संकल्पों और घोषणाओं के प्रभावी क्रियान्वयन की नियमित समीक्षा मुख्य सचिव स्तर से की जायेगी।
संकल्प पत्र-2023 में समृद्ध किसान, जनजातीय कल्याण, उत्तम शिक्षा एवं सक्षम युवा, सबका साथ विकास, सुदृढ़ आधारभूत संरचना, स्वस्थ प्रदेश, प्रगतिशील अर्थ व्यवस्था और औद्योगिक विकास, सुशासन एवं कानून व्यवस्था, महिला सशक्तिकरण तथा सांस्कृतिक धरोहर एवं विकसित पर्यटन के बिन्दुओं के अंतर्गत विकास और जनकल्याण के लिए किए जाने वाले कार्यों का लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं।
पपीएम मोदी की गारंटी किसानों के लिये
संकल्प पत्र में गेहूँ और धान के लिये समर्थन मूल्य पर बोनस की गारंटी दी गई है। इसके अंतर्गत 2700 रूपये प्रति क्विंटल पर गेहूँ तथा 3100 रूपये प्रति क्विंटल पर धान की खरीदी होगी। पीएम किसान सम्मान निधि एवं मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के अंतर्गत 12 हजार रूपये वार्षिक वित्तीय सहायता जारी रहेगी।
जनजातियों के लिये
जनजातीय समुदाय के लिये अगले 5 वर्ष में स्वास्थ, शिक्षा और सामाजिक सशक्तिकरण पर 3 लाख करोड़ रूपये व्यय किये जायेंगे। तेंदुपत्ता संग्रहण की दर 4 हजार रूपये प्रति बोरा रहेगी। प्रत्येक एसटी ब्लाक में एकलव्य विद्यालय की स्थापना की जायेगी। एसटी बहुल जिलों- मंडला, खरगोन, धार, बालाघाट और सीधी में मेडिकल कॉलेजों का निर्माण होगा। जनजातीय श्रृद्धा स्थल संरक्षण मिशन के तहत पूजा स्थलों के विस्तार और नवीनीकरण पर 100 करोड़ रूपये का निवेश किया जायेगा।
शिक्षा एवं सक्षम युवा के लिये
गरीब परिवारों के छात्रों को कक्षा एक से 12 तक मुफ्त शिक्षा और स्कूल बैग, किताबों एवं यूनिफार्म के लिये 1200 रूपये की वार्षिक सहायता दी जायेगी। सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले सभी छात्रों को मध्याहन भोजन के साथ पौष्टिक नाश्ता भी दिया जाएगा। प्रत्येक संभाग में मध्यप्रदेश इन्सटीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी बनेगा। प्रत्येक परिवार में कम से कम एक रोजगार अथवा स्व-रोजगार का अवसर दिया जाएगा। युवाओं को कौशल प्रशिक्षण के लिये मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजनाओं के अंतर्गत 10 हजार रूपये तक का स्टाइपेंड दिया जाएगा। प्रत्येक जिले में एक स्पोटर्स कॉम्पलेक्स बनाया जाएगा।
सबके विकास के लिये
सभी गरीब परिवारों को मुफ्त राशन के लिये प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना का 5 वर्षों के लिये विस्तार होगा। प्रदेश का कोई भी परिवार बेघर नहीं रहेगा। इसके लिये प्रधानमंत्री आवास योजना के साथ मुख्यमंत्री जन आवास योजना शुरू होगी। वरिष्ठ एवं दिव्यांग नागरिकों को 1500 रूपये की मासिक पेंशन का लाभ दिया जाएगा। गिग वर्कर्स कल्याण बोर्ड की स्थापना होगी। 18 पारंपरिक कारिगर समूहों को पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत 15000 रूपये की वित्तीय सहायता दी जाएगी। असंगठित श्रमिकों का ई-श्रम पोर्टल और आयुष्मान भारत के अंतर्गत 100 प्रतिशत पंजीकरण किया जाएगा।
सुदृढ़ आधारभूत संरचना के लिये
बुंदेलखंड, विन्ध्य और महाकौशल तीन विकास बोर्ड गठित होंगे। अटल गृह ज्योति योजना के तहत सभी घरों को 100 रूपये में 100 यूनिट बिजली का लाभ दिया जाएगा। 6 नये एक्सप्रेस-वे – विन्ध्य एक्सप्रेस-वे, नर्मदा पथ, अटल प्रगति पथ, मालवा निमाड़ पथ, बुंदेलखंड पथ और मध्य भारत विकास पथ का निर्माण होगा। 80 रेलवे स्टेशनों का विश्व स्तरीय आधुनिकीकरण, वंदे मेट्रो एवं वंदे भारत स्लीपर ट्रेन तथा रीवा, सिंगरौली एवं शहडोल में हवाई अड्डे बनाये जायेंगे। भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर में मेट्रो लाइनों का निर्माण होगा।
स्वस्थ प्रदेश के लिये
आयुष्मान भारत की सभी लाभार्थियों के लिये 5 लाख रूपये से ज्यादा व्यय होने पर भी प्रदेश सरकार खर्चा उठाएगी। बीस हजार करोड़ रूपये के निवेश से प्रत्येक संभाग में एम्स की तर्ज पर मध्यप्रदेश इन्सटीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस, अटल मेडिसिटी और हॉस्पिटल और आईसीयू में बिस्तरों की संख्या को दोगुना किया जाएगा। प्रत्येक लोकसभा क्षेत्र में मेडिकल कॉलेज स्थापित कर अगले पाँच वर्षों में 2 हजार सीट बढ़ाएंगे। प्रत्येक जिले में नर्सिंग कॉलेज स्थापित किया जाएगा।
औद्योगिक विकास के लिये
मध्यप्रदेश की अर्थव्यवस्था को देश की शीर्ष 3 अर्थव्यवस्थाओं में लाकर अगले 7 वर्ष में 45 लाख करोड़ रूपये की बनाएंगे। प्रदेश में प्रति व्यक्ति आय को दोगुना करेंगे। साथ ही 20 लाख करोड़ के निवेश (एफडीआई) को आकर्षित करेंगे। एक्सप्रेस-वे के पास औद्योगिक कॉरिडोर का निर्माण किया जायेगा, जिससे साढ़े 4 लाख से अधिक युवाओं को रोजगार और स्व-रोजगार के अवसर मिलेंगे। दस नये एमएसएमई क्लस्टर बनाये जायेंगे, जिनमें 5 हजार करोड़ रूपये का निवेश होगा।
सुशासन के लिये
भोपाल और इंदौर के बाद जबलपुर और ग्वालियर में भी पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू होगी। भोपाल में राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय के नये परिसर का निर्माण किया जाएगा।
महिलाओं के लिये
सभी बीपीएल परिवारों की छात्राओं को केजी से पीजी तक मुफ्त शिक्षा का लाभ दिलाया जाएगा। पीएम उज्ज्वला योजना में महिलाओं को 450 रूपये में सिलेंडर दिया जाएगा। पन्द्रह लाख ग्रामीण महिलाओं को लखपति योजना के अंतर्गत कौशल प्रशिक्षण दिया जाएगा। एक करोड़ 30 लाख से अधिक महिलाओं को आर्थिक सहायता के साथ आवास का लाभ मिलेगा। सभी बीपीएल परिवारों की बालिकाओ को जन्म से 21 वर्ष तक कुल 2 लाख रूपये का लाभ दिया जाएगा।
सांस्कृति धरोहर और पर्यटन के लिये
शिरोमणि गुरूदेव श्री रविदास जी के स्मारक का निर्माण तथा 150 करोड़ रूपये के निवेश से धरोहर संरक्षण मिशन शुरू किया जाएगा। बघेली, बुंदेली, गोंडी एवं भीली साहित्य अकादमी की स्थापना जाएगी। सभी जनजातीय नायकों के भव्य स्मारकों का निर्माण किया जाएगा तथा चौगान किला, देवगढ़ किला, मंडला किला, चौरागढ़ किला और मदनमोहन किला का नवीनीकरण किया जाएगा। प्रदेश में 13 सांस्कृतिक लोकों का निर्माण किया जाएगा। मैहर में शारदा माता मंदिर, अमरकंटक में नर्मदा देवी, शोणदेश शक्तिपीठ और उज्जैन में हरसिद्धी माता शक्तिपीठ का नवीनीकरण किया जाएगा। नमामि नर्मदे परियोजना के अंतर्गत नर्मदा, ताप्ती और क्षिप्रा जैसी पवित्र नदियों के घाटों का नवीनीकरण और सौंदर्यीकरण किया जाएगा। दो लाख युवाओं कोपर्यटन के क्षेत्र में प्रशिक्षण, रोजगार तथा स्व-रोजगार के लिये 7500 करोड़ रूपये का निवेश किया जाएगा।