केंद्रीय विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने वर्चुअल मोड में पावर फाउंडेशन के साथ आयोजित बैठक की अध्यक्षता की। इसमें विद्युत सचिव आलोक कुमार, एमएनआरई सचिव इंदु शेखर चतुर्वेदी, विद्युत पीएसयू के सीएमडी भी उपस्थित थे। बैठक का उद्देश्य अनुसंधान एवं विकास के संबंध में परिचालन संरचना, नीति समर्थन और पावर फाउंडेशन की संचार रणनीति पर चर्चा करना था।
केंद्रीय मंत्री आरके सिंह ने सभी अधिकारियों को भारत की ऊर्जा गति यात्रा को सुविधाजनक बनाने के लिए साक्ष्य आधारित शोध अध्ययन करने के लिए पावर फाउंडेशन का लाभ उठाने और ई-मोबिलिटी और इलेक्ट्रिक कुकिंग के बारे में उपभोक्ताओं में जागरूकता को बढ़ावा देने का निर्देश दिया।
केंद्रीय मंत्री ने पावर फाउंडेशन को निम्न बिंदुओं पर अध्ययन करने का दिया सुझाव
- भारत में जलविद्युत विकास में तेजी लाना
- भारत में कार्बन की कमी के लिए रणनीतिक रोडमैप विकसित करना
- पर्यावरण मानदंडों को पूरा करने में विकल्प के रूप में एफजीडी तकनीकी की प्रासंगिकता
- आरई का बड़े पैमाने पर एकीकरण
- देश के लिए अल्प अवधि, मध्यम अवधि और लंबी अवधि में ऊर्जा गति के लिए रोडमैप
अन्य सुझाए गए अध्ययन
- भारत में डिस्कॉम की बिजली खरीद लागत की समीक्षा और सर्वश्रेष्ठ बनाने की क्रिया (अनुकूलन)।
- गैर-जीवाश्म ईंधन आधारित क्षमता के 500 जीडब्ल्यू के लिए आवश्यक निवेश, बाजार के उपकरणीकरण से संबंधित मुद्दे
- ग्रिड-स्केल स्टोरेज, एनर्जी स्टोरेज (बैटरी स्टोरेज और अन्य विकल्प)
- हाइड्रोजन अर्थव्यवस्था: भारत के सामने विकल्प
पावर फाउंडेशन के बारे में
पावर फाउंडेशन एक पंजीकृत समूह है, जिसका उद्देश्य सबसे प्रमुख नीति समर्थन निकाय बनना है जो बिजली और संबद्ध क्षेत्रों पर राष्ट्रीय संवादों में शामिल होगा और राज्यों को वास्तविक दुनिया के समाधान देने में मदद करेगा। सभी के लिए सुरक्षित व टिकाऊ ऊर्जा और भारत की ऊर्जा गति के लिए सुगम मार्ग बनाना है।
इसका उद्देश्य बिजली क्षेत्र में ऊर्जा गति से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर विश्वसनीय संस्थानों के माध्यम से स्वतंत्र और साक्ष्य आधारित अनुसंधान अध्ययन शुरू करने में अग्रणी प्रयास करना और बाद में पहचान किए गए हितधारकों में जागरूकता पैदा करने को लेकर उपयुक्त संचार चैनलों के माध्यम से एकत्र की गई जानकारी का प्रसार करना है।