अति उच्च दाब लाइनों एवं उपकेन्द्रों के संधारण में अत्याधुनिक नई तकनीक का उपयोग करके कम समय में ही तकनीकी खराबी का विश्लेषण संभव है, जिससे प्राथमिकता निर्धारित करते हुये व्यवधान होने से बचाने में मदद मिल रही है।
एमपी पावर ट्रांसमिशन कंपनी और पावर ग्रिड कॉरपोरेशन आफ इंडिया के बीच मेंटेनेंस की एडवांस तकनीकों की पद्धतियों को आपस में साझा करने के लिए आयोजित सेमिनार को संबोधित करते यह बात एमपी पावर ट्रांसमिशन कंपनी के प्रबंध संचालक इंजीनियर सुनील तिवारी ने कही।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में एमपी ट्रांसको अत्याधुनिक तकनीक एवं नवाचार के प्रति संवेदनशील है तथा तकनीकी कर्मियों के अभाव के बावजूद भी अति उच्च दाब लाइनों एवं उपकेन्द्रों का संधारण कार्य तथा ट्रिपिंग को न्यूनतम स्तर पर रखना विभिन्न नवाचारों के कारण ही संभव हो पाया है।
उन्होंने कहा कि एमपी ट्रांसको वर्तमान में विभिन्न चुनौतियों के बावजूद नई तकनीकों के समावेश से ही राष्ट्रीय स्तर पर ट्रांसमिशन हानि को न्यूनतम तथा लाइनों एवं उपकेन्द्रों की उपलब्धता मानक स्तर से अधिक रखने में सफल रहा है।
पॉवर ग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड गुरूग्राम नई दिल्ली के वरिष्ठ महाप्रबंधक कुलेश्वर साहू द्वारा परिसंम्पति प्रबंधन, अति उच्च दाब लाइनों एवं उपकेन्द्रों के संधारण से संबंधित वृहद् तकनीकी पहलुओं पर प्रस्तुतिकरण किया गया और उन्होंने पावर ग्रिड में अपनाई जा रही एडवांस तकनीकी पद्धतियों के बारे में विस्तार से बताया।
सेमिनार में एमपी पावर ट्रांसमिशन कंपनी के इंजिनियर्स ने हिस्सा लिया। सेमिनार के संयोजक मुख्य अभियंता संदीप कुमार गायकवाड ने सेमिनार का संचालन एवं आभार प्रदर्शन किया।