इटानगर (हि.स.)। अरुणाचल प्रदेश के दौरे आज पहुंचे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इटानगर से हरी झंडी दिखाकर सभी मौसम के लिए सेला सुरंग सहित 55,600 करोड़ रुपये की विकासात्मक कई परियोजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास किया। उन्होंने मेगा बांध सहित राज्य में विभिन्न स्थानों पर कई विकासात्मक परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास भी किया।
राजधानी में लोगों को संबोधित करते हुए नरेन्द्र मोदी ने कहा कि हम देश के विकास के लिए सोचते हैं इसलिए राज्य विकास पर ध्यान दे रहे हैं। हम अरुणाचल प्रदेश के अंतिम गांव को पहला गांव मानकर उसके विकास के लिए काम कर रहे हैं। गांव के विकास के लिए कई परियोजनाएं पर कोष प्रदान कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि पूरे पूर्वोत्तर भारत के विकास के लिए केंद्र सरकार पूरी तरह से काम कर रही है और विकास तेजी से बढ़ रहा है। वहीं केंद्र सरकार ने पूर्वोत्तर भारत के विकास को ध्यान में रखते हुए फार्म तेल का मिशन शुरू किया है इसके मिल का आज उद्घाटन हुआ है जो पूरे देश में खाद्य तेल की सप्लाई करेगा।
तवांग सुरंग पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि यह सुरंग तवांग को हर मौसम में कनेक्टिविटी प्रदान करेगी और लोगों के लिए यात्रा को आसान बनाएगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि रक्षा तैयारियों को बढ़ावा देने और सीमा क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ाने के लिए 13,000 फीट की ऊंचाई पर बीआरओ द्वारा निर्मित सुरंग को आम लोगों के लिए खोला गया है।
प्रधान मंत्री मोदी ने आज अरुणाचल प्रदेश में विकसित भारत विकसित उत्तर पूर्व कार्यक्रम के दौरान सेला सुरंग परियोजना को राष्ट्र को समर्पित किया। सुरंग का निर्माण सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) द्वारा किया गया है। असम के तेजपुर को अरुणाचल प्रदेश के पश्चिम कामेंग जिले के तवांग से जोड़ने वाली सड़क पर 13 हजार फीट की ऊंचाई पर सुरंग का निर्माण किया गया है। 825 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित, सुरंग बालीपारा- चारिद्वार- तवांग रोड पर सेला दर्रे के पार तवांग को हर मौसम में कनेक्टिविटी प्रदान करेगी। इससे सशस्त्र बलों की तैयारियों को बढ़ावा मिलेगा और सीमा क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ाएगी।
अपने संबोधन में, प्रधान मंत्री ने पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास के लिए सरकार की अटूट प्रतिबद्धता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि सेला सुरंग हर मौसम में कनेक्टिविटी प्रदान करेगी और तवांग के लोगों के लिए यात्रा को आसान बनाएगी। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में कई सुरंगों पर काम चल रहा है। प्रधानमंत्री ने सीमावर्ती गांवों के विकास की पहले की गई उपेक्षा की आलोचना की। उन्होंने कहा कि विकास कार्य चुनावी हितों के लिए नहीं बल्कि, देश की जरूरतों के मुताबिक किया जा रहा है।
उन्होंने रक्षा कर्मियों से वादा किया कि वह अपने अगले कार्यकाल में इस इंजीनियरिंग चमत्कार पर उनसे मिलने आएंगे। उद्घाटन समारोह के दौरान अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू और पृथ्वी विज्ञान मंत्री किरेन रिजिजू समेत अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
सेला सुरंग का निर्माण नई ऑस्ट्रियाई सुरंग विधि का उपयोग करके किया गया है। इसमें उच्चतम मानकों की सुरक्षा विशेषताएं शामिल हैं। यह परियोजना न केवल क्षेत्र में तेज़ और अधिक कुशल परिवहन मार्ग प्रदान करेगी बल्कि, देश के लिए रणनीतिक महत्व की है। सुरंग की आधारशिला 09 फरवरी, 2019 को प्रधान मंत्री द्वारा रखी गई थी और निर्माण 01 अप्रैल, 2019 को शुरू हुआ था। कठिन इलाके और प्रतिकूल मौसम की चुनौतियों को पार करते हुए सुरंग केवल पांच वर्षों में बनकर तैयार हो गई है।
सीमा क्षेत्रों के विकास में बीआरओ सदैव अग्रणी रहा है। पिछले तीन वर्षों में, बीआरओ ने 8,737 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित रिकॉर्ड 330 बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को पूरा किया है।