विश्व युवा कौशल दिवस पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज का ये दिन आपके कौशल को समर्पित है। कोरोना के इस संकट ने विश्व संस्कृति के साथ ही नौकरी की प्रकृति को भी बदलकर के रख दिया है और बदलती हुई नित्य नूतन प्रौद्योगिकी ने भी उस पर प्रभाव पैदा किया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कौशल का अर्थ है, आप कोई नया हुनर सीखें। जैसे कि आपने लकड़ी के एक टुकड़े से कुर्सी बनाना सीखा, तो ये आपका हुनर हुआ। आपने लकड़ी के उस टुकड़े की कीमत भी बढ़ा दी। लेकिन ये कीमत बनी रहे, इसके लिए नए डिज़ाइन, नयी स्टाइल, यानी रोज़ कुछ नया जोड़ना पड़ता है। उसके लिए नया सीखते रहना पड़ता है और कुछ नया सीखते रहने का मतलब, पुनः कौशल।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कौशल, पुनः कौशल और अपस्किल का ये मंत्र जानना, समझना और इसका पालन करना हम सभी के जीवन में बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि कौशल की ये ताकत जो है, इंसान को कहां से कहां पहुंचा सकती है। एक सफल व्यक्ति की बहुत बड़ी निशानी होती है कि वो अपनी स्किल बढ़ाने का कोई भी मौका जाने ना दे।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कौशल के प्रति अगर आप में आकर्षण नहीं है, कुछ नया सीखने की ललक नहीं है तो जीवन ठहर जाता है। एक रुकावट सी महसूस होती है। एक प्रकार से वो व्यक्ति अपने व्यक्तित्व को ही बोझ बना लेता है। वहीं कौशल के प्रति आकर्षण, जीने की ताकत देता है, जीने का उत्साह देता है। कौशल सिर्फ रोजी- रोटी और पैसे कमाने का जरिया नहीं है। जिंदगी में उमंग चाहिए, उत्साह चाहिए, जीने की जिद चाहिए, तो कौशल हमारा ड्राइविंग फ़ोर्स बनता है, हमारे लिए नई प्रेरणा लेकर आती है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कौशल आपके काम की ही नहीं, आपकी भी प्रतिभा को, प्रभाव को, प्रेरक बना देती है और यहां एक और चीज समझनी बहुत जरूरी है। कुछ लोग ज्ञान और कौशल को लेकर के हमेशा भ्रम में रहते हैं, या भ्रम पैदा करते हैं।
उन्होंने कहा कि आज भारत में ज्ञान और कौशल दोनों में जो अंतर है, उसे समझते हुए ही काम हो रहा है। आज से 5 साल पहले, आज के ही दिन स्किल इंडिया मिशन इसी सोच के साथ शुरू किया गया था।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इसके लिए देशभर में सैकड़ों प्रधानमंत्री कौशल विकास केंद्र खोले गए। आईटीआई की संख्या बढ़ाई गई, उसमें लाखों नई सीट्स जोड़ी गई। इस दौरान 5 करोड़ से ज्यादा लोगों का कौशल विकास किया जा चुका है। और यह अभियान निरंतर जारी है।
उन्होंने कहा कि तेजी से बदलती हुई आज की दुनिया में अनेक सेक्टरों में लाखों योग्य लोगों की जरूरत है। विशेषकर स्वास्थ्य सेवाओं में तो बहुत बड़ी संभावनाएं बन रही हैं। यही समझते हुए अब कौशल विकास मंत्रालय ने दुनिया भर में बन रहे इन अवसरों की मैपिंग शुरू की है। कोशिश यही है कि भारत के युवा को अन्य देशों की जरूरतों के बारे में, उसके संबंध में भी सही और सटीक जानकारी मिल सके।
उन्होंने बताया कि चार-पांच दिन पहले देश में श्रमिकों की स्किल मैपिंग का एक पोर्टल भी शुरू किया गया है। यह पोर्टल स्किल्ड लोगों को, स्किल्ड श्रमिकों की मैपिंग करने में अहम भूमिका निभाएगा। इससे नियोक्ता एक क्लिक में ही स्किल्ड मैप वाले वर्कर्स तक पहुंच पाएंगे। छोटे-बड़े हर तरह के कौशल वाले लोग ही आत्मनिर्भर भारत की भी बहुत बड़ी शक्ति बनेंगे।