केंद्रीय वित्त और कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने 13 अक्टूबर को वाशिंगटन डीसी में हुई आईएमएफ-विश्व बैंक की सालाना बैठकों से इतर इटली की अध्यक्षता में जी-20 के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंकों के गवर्नरों की चौथी बैठक में भाग लिया।
यह इटली की अध्यक्षता में जी20 के अंतर्गत अंतिम एफएमसीबीजी बैठक थी और इसमें वैश्विक आर्थिक सुधार, कमजोर देशों को महामारी समर्थन, वैश्विक स्वास्थ्य, जलवायु उपाय, अंतर्राष्ट्रीय कराधान और वित्तीय क्षेत्र से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया व समझौते हुए।
महामारी से स्थायी रूप से उबरने के लिए, जी20 के वित्त मंत्री और केंद्रीय बैंक के गवर्नर सहयोग उपायों को समय से पहले वापस लेने से बचने, साथ ही वित्तीय स्थायित्व और दीर्घकालिक राजकोषीय स्थिरता को बनाए रखने व गिरावट के जोखिमों व नकारात्मकता प्रभाव बढ़ने से रोकने पर सहमत हो गए।
श्रीमती सीतारमण ने कहा कि संकट से सुधार की राह पर आने के लिए, सभी को टीकों की समान उपलब्धता सुनिश्चित करना एक बड़ी चुनौती है। वित्त मंत्री ने सुझाव दिया कि समर्थन जारी रखना, लचीलापन बढ़ाना, उत्पादकता में सुधार और संरचनागत सुधार हमारे नीतिगत लक्ष्यों में शामिल होने चाहिए।
वित्त मंत्री ने ऋण राहत उपायों और नए एसडीआर आवंटन के माध्यम से महामारी पर प्रतिक्रिया और कमजोर देशों का समर्थन करने में जी20 की भूमिका की सराहना की। श्रीमती सीतारमण ने लक्षित देशों तक लाभ पहुंचाने पर ध्यान केंद्रित करते हुए प्रयास करने का सुझाव दिया।
वित्त मंत्री, जी20 मंत्रियों और गवर्नरों के साथ जलवायु परिवर्तन से मुकाबला करने के प्रयासों को मजबूती देने की जरूरत पर सहमत हुईं। श्रीमती सीतारमण ने जोर देकर कहा कि विभिन्न देशों की अलग-अलग नीतियों और शुरुआती बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए, सफल परिणामों के लिए विचार-विमर्श को आगे ले जाने के लिए संयुक्त राष्ट्र के जलवायु परिवर्तन पर फ्रेमवर्क कन्वेंशन और पेरिस समझौते के सिद्धांतों पर आधारित जलवायु न्याय की केंद्रीयता खासी अहम होगी।
अर्थव्यवस्था के डिजिटलीकरण से पैदा चुनौतियों के समाधान के लिए, जी20 एफएमसीबीजी ने 8 अक्टूबर, 2021 को बेस इरोजन एंड प्रॉफिट शिफ्टिंग (बीईपीएस) पर ओईसीडी/जी20 इनक्लूसिव फ्रेमवर्क द्वारा जारी दो सिद्धांतों वाले समाधान और विस्तृत कार्यान्वयन योजना में उल्लिखित समझौते को समर्थन दे दिया है।