सड़क दुर्घटना की जानकारी देने पर अब पुलिस चश्मदीद गवाह या घायलों की मदद करने वालों की निजी जानकारी नहीं मांग सकेगी। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने 29 सितंबर, 2020 को जीएसआर 594 (ई) के तहत संकट में मदद करने वाले लोगों की सुरक्षा के लिए नया नियम लागू किया है।
नए नियम में सड़क दुर्घटना के दौरान मौजूद रहे चश्मदीद गवाह या मदद करने वाले लोगों यानि गुड स्मार्टियन को अधिकार प्रदान किये गए हैं।
जिसमें कहा गया है कि कोई भी पुलिस अधिकारी या कोई अन्य व्यक्ति अपने नाम, पहचान, पता या ऐसे किसी भी व्यक्तिगत विवरण का खुलासा करने के लिए मददगार को मजबूर नहीं करेगा। हालांकि, वह स्वेच्छा से कोई जानकारी देने का विकल्प चुन सकता है।
नियम में यह भी कहा गया है कि प्रत्येक सार्वजनिक और निजी अस्पताल प्रवेश द्वार या अन्य विशिष्ट स्थान पर और अपनी वेबसाइट पर हिंदी, अंग्रेजी और स्थानीय भाषा में एक चार्टर प्रकाशित करेगा और अधिनियम और बनाए गए नियम के तहत गुड स्मार्टियन के अधिकारों को बताएंगे।
इसके अलावा, यदि कोई व्यक्ति स्वेच्छा से उस मामले में गवाह बनने के लिए सहमत हो गया है जिसमें उसने एक गुड स्मार्टियन के रूप में काम किया है, तो उसे इस नियम के प्रावधानों के अनुसार जांच की जाएगी, जिसके लिए नियमों में विस्तृत दिशानिर्देश और प्रक्रिया का उल्लेख किया गया है।
यह उल्लेखनीय है कि मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम, 2019 ने एक नई धारा 134 ए, अर्थात गुड स्मार्टियन का संरक्षण डाला गया है जो यह बताता है कि एक गुड स्मार्टियन मोटर वाहन से जुड़े किसी दुर्घटना के शिकार व्यक्ति की मृत्यु या मृत्यु के लिए किसी भी नागरिक या आपराधिक कार्रवाई के लिए उत्तरदायी नहीं होगा।
जहां आपातकालीन चिकित्सा या गैर-चिकित्सा देखभाल या सहायता प्रदान करते समय कार्रवाई करने में असफल रहने या कार्रवाई करने में गुड स्मार्टियन की लापरवाही के कारण ऐसी चोट या मृत्यु हुई है और यह कि केंद्र सरकार के नियमों के आधार पर गुड स्मार्टियन के व्यक्तिगत सूचना का खुलासा और इससे संबंधित अन्य मामलों के लिए गुड स्मार्टियन से पूछताछ या जांच कर सकती है।